रायपुर । नाराज कार्यकर्ता और संदीप साहू के समर्थकों ने मलकित सिंह गैदू के दफ्तर में इस आदेश के विरोध में हंगामा किया। कांग्रेस से टिकट न म...
रायपुर । नाराज कार्यकर्ता और संदीप साहू के समर्थकों ने मलकित सिंह गैदू के दफ्तर में इस आदेश के विरोध में हंगामा किया। कांग्रेस से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पार्षद आकाश तिवारी को रायपुर नगर निगम का नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर पार्टी के भीतर हंगामा मच गया है। विरोध में वार्ड नंबर 1 के कांग्रेस पार्षद संदीप साहू अपने समर्थकों के साथ राजीव भवन पहुंच गए ।
पार्टी के इस फैसले से नाराज होकर शहर जिला कांग्रेस के संयुक्त महामंत्री लीलाधर साहू ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर ये फैसला वापस नहीं लेती, तो साहू समाज के लोग भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर प्रदर्शन करेंगे। दरअसल, नगर निगम बजट के पहले शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष घोषित किया था और इसके लिए लेटर भी जारी कर दिया गया था। संदीप का दावा है कि उनकी नियुक्ति PCC की पर्यवेक्षक प्रतिमा चंद्राकर की मौजूदगी में, सभी पार्षदों और विधायकों से चर्चा के बाद हुई थी। संदीप साहू ने कहा, "मैं पार्टी का सच्चा कार्यकर्ता हूं, मुझे सभी पार्षदों और पर्यवेक्षकों की सहमति से चुना गया था। लेकिन पार्टी ने एक बागी नेता को, जो कांग्रेस से बाहर जाकर निर्दलीय लड़ा, उसे वापसी के साथ ही नेता प्रतिपक्ष बना दिया। क्या ये बगावत करने का इनाम है?" संयुक्त महामंत्री पद से इस्तीफा देने वाले लीलाधर साहू ने कहा, "कांग्रेस ने पहली बार किसी साहू को नेता प्रतिपक्ष बनाया था, लेकिन अब उसका अपमान किया गया है।
अगर ये फैसला वापस नहीं होता, तो कांग्रेस कार्यकर्ता और साहू समाज मिलकर बड़ा विरोध करेंगे।" इस फैसले के विरोध में साहू समाज युवा प्रकोष्ठ रायपुर के जिला संयोजक देवदत्त साहू और उनकी टीम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे को एक निंदा पत्र सौंपेगी और मांग करेगी कि अगले 24 घंटे के अंदर संदीप साहू को दोबारा नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए। अगर ये मांग पूरी नहीं होती, तो पूरा साहू समाज एकजुट होकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेगा, जिसमें समाज के हर वर्ग से शामिल होने की अपील की जा रही है। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी के पार्षद संदीप साहू को बिना किसी जानकारी के नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाना न सिर्फ गलत है, बल्कि ये पूरे साहू समाज के सम्मान के खिलाफ भी है। इस फैसले की कड़ी निंदा की जा रही है। हाल ही में हुए प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट के दौरे में ही आकाश तिवारी की कांग्रेस में वापसी हुई थी।
चुनाव के वक्त जब कांग्रेस ने आकाश तिवारी को टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गए। तब पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। लेकिन अब वही पार्टी उन्हें वापस लेकर नेता प्रतिपक्ष बना रही है। यही बात अब कांग्रेस के अंदर सवाल और बगावत की वजह बन गई है। बाकायदा पीसीसी के पर्यवेक्षक प्रतिमा चंद्राकर ने सभी छाया पार्षदों और विधायकों से चर्चा करने के बाद उनके नाम का ऐलान किया गया था। पार्षद दल का नेता चुनने के लिए चुने हुए नेताओं से भी बात की और फिर नगर निगम आयुक्त और महापौर को लेटर भी भेजा गया था।
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