रायपुर। छत्तीसगढ़ में साय मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है. भीतर खाने से आ रही खबरों के मुताबिक इस हफ्ते सरकार में तीन...
रायपुर। छत्तीसगढ़ में साय मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है. भीतर खाने से आ रही खबरों के मुताबिक इस हफ्ते सरकार में तीन नए मंत्री शामिल किए जा सकते हैं. हरियाणा फार्मूले के तहत राज्य में 14 मंत्री बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है. भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश और प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन 8 अप्रैल को रायपुर दौरा प्रस्तावित है. निगम, मंडल, आयोग और बोर्ड में हुई नियुक्ति के बाद यह उनका पहला दौरा है. भाजपा प्रदेश कार्यालय में 9 अप्रैल को बड़ी बैठक होगी, जिसमें निगम,मंडल, आयोग और बोर्ड में नियुक्त होने वाले नेताओं को संगठनात्मक नसीहत दिए जाने की चर्चा है. इन सबके परे चर्चा इस बात की भी है कि मंत्रिमंडल विस्तार पर भी अंतिम मुहर लगा लिया जाएगा.
सूत्र बताते हैं कि सब कुछ अनुकूल रहा, तो जल्द ही नए मंत्रियों को शपथ दिला दी जाएगी. सरकार में मुख्यमंत्री समेत 11 मंत्री हैं. बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद से एक पद रिक्त हुआ था. इस लिहाज से 2 मंत्री पद रिक्त माने जाते रहे हैं, लेकिन हरियाणा फार्मूला लागू होने के बाद एक अतिरिक्त मंत्री पद राज्य में बढ़ जाएगा. इस लिहाज से मंत्रिमंडल की कुल संख्या 14 की हो जाएगी.
संभावित नामों में कौन-कौन?
संभावित मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा में आरएसएस बैकग्राउंड से आने वाले दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव को मंत्री बनाया जाना तय है. कहते हैं कि संघ से भी उन्हें मंत्री बनाए जाने का दबाव है. संघ से उनके नाम की पैरवी की खबर है. साथ ही यादव समाज को साधने के लिहाज से भी मंत्रिमंडल में उन्हें जगह दिए जाने की वकालत की गई है. इसके अलावा अमर अग्रवाल का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है. संगठन सूत्र कहते हैं कि उनका नाम लगभग तय है. 14 साल तक मंत्री रह चुके अमर अग्रवाल रिजल्ट ओरिएंटेड काम करने के लिए पहचाने जाते हैं. भीड़ से अलग रहकर काम करने में भरोसा करने वाले अमर अग्रवाल ने पूर्ववर्ती रमन सरकार में आबकारी पॉलिसी बनाई थी. शराब बिक्री का ठेका सिस्टम खत्म किया था. इस फैसले से आबकारी राजस्व में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई थी. अमर अग्रवाल देश में इकलौते चेहरे रहे हैं, जो सर्वाधिक लंबे समय तक जीएसटी काउंसिल में बतौर सदस्य शामिल थे.
अमर अग्रवाल के अलावा रायपुर संभाग से एक मंत्री बनाए जाने के संकेत मिल रहे हैं. रायपुर संभाग से फिलहाल टंकराम वर्मा बतौर मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल हैं. राजधानी से एक मंत्री बनाए जाने के समीकरण के बीच पुरंदर मिश्रा के नाम पर जमकर चर्चाएं तेज हुई है, लेकिन ब्राह्मण वर्ग से विजय शर्मा पहले ही सरकार में बतौर उप मुख्यमंत्री शामिल हैं. जातिगत समीकरण का मुद्दा उठा, तो उनके मंत्री बनने में अड़चन आ सकती है. साय सरकार में इस वक्त बतौर मंत्री वैश्य समाज का प्रतिनिधित्व नहीं है. यदि सत्ता और संगठन में इस समीकरण पर चर्चा उठी, तो ऐसे में रायपुर पश्चिम के विधायक राजेश मूणत बाजी मार सकते हैं.
कुरुद विधायक अजय चंद्राकर के नाम पर भी विमर्श की खबर है. सियासत के जानकार कहते हैं कि साय सरकार में नई बनी टीम किसी भी पुराने चेहरों के पक्ष में नहीं है. मंत्रिमंडल विस्तार करने में यही सबसे बडा द्वंद रहा है. संगठन के एक आला नेता कहते हैं कि लोकसभा चुनाव हो या नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव भाजपा के पक्ष में नतीजे आए हैं. इन चुनावों के रणनीतिकार सरकार की नई टीम के नए चेहरे थे. इन नतीजों के जरिए भाजपा हाईकमान को भी यह संदेश दिया गया है कि नई टीम सामर्थ्य से काम कर रही है. बहरहाल मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अंदरखाने में हलचल बढ़ गई है. सरकार जल्द ही विस्तार को अमलीजामा पहनाने जा रही है.
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