IMA को, मरीजों के खून के प्यासे एक ही संस्थान में मेडिकल टेस्ट की 2 अलग-अलग दरें, अनाप-शनाप मुनाफाखोरी से परेशान पीड़ितों की सिविल सोसाइटी ...
IMA को, मरीजों के खून के प्यासे एक ही संस्थान में मेडिकल टेस्ट की 2 अलग-अलग दरें, अनाप-शनाप मुनाफाखोरी से परेशान पीड़ितों की सिविल सोसाइटी से शिकायत….
रायपुर: छत्तीसगढ़ में धर्मार्थ के नाम पर इलाज की दुकानों में मुनाफाखोरी की नई दास्तान सामने आई है। रायपुर में एक बार फिर NHMMI अस्पताल की कारगुजारियां सुर्ख़ियों में है। पीड़ितों ने IMA को शिकायत कर मेडिकल टेस्ट की दरों पर बेलगाम अवैध वसूली पर रोक लगाने की मांग की है। पीड़ितों ने अपनी शिकायत में शासन-प्रशासन का ध्यान भी इस ओर दिलाते हुए स्पष्ट किया है कि मरीजों के साथ लूटपाट को अंजाम देने वाले इस अस्पताल के खिलाफ पूर्व में सामने आई जांच रिपोर्ट के आधार पर वैधानिक कार्यवाही नहीं होने से आज भी सैकड़ों लोगों को जान-माल से हाथ धोना पड़ रहा है। ताजा मामले में NHMMI अस्पताल द्वारा अंजाम दिए जा रहे इलाज के कारोबार में 2 अलग-अलग दुकानों में एक ही जांच की अलग-अलग दरें अवैध वसूली का जरिया बन गई है।
पीड़ितों द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी को भेजी गई एक शिकायत में कहा गया है कि रायपुर के लालपुर स्थित NHMMI और आजाद चौक में गुरु घासीदास प्लाजा से सटे, इलाज के ‘कारखाने’ में विभिन्न बिमारियों के लिए आवश्यक एमआरआई, सिटी स्कैन, इको, हार्ट, TMT, CBC, LFT, शुगर टेस्ट, एक्स-रे, सोनोग्राफी समेत पैथोलॉजी की दरों में चार गुने से ज्यादा का अंतर है। जबकि मरीजों की गंभीर बिमारियों के इलाज का दावा करने वाले दोनों ही ‘कारखाने’ NHMMI के बैनर तले संचालित किये जा रहे है। कई मरीज और उनके परिजन दोनों ही संस्थानों में एक ही टेस्ट की अलग-अलग दरें देखकर हैरत में है। उन्होंने इलाज की दरों को लेकर अवैध वसूली की शिकायत में मय सबूत तथ्यों के साथ सबूतों को भी संलग्न किया है।
इसमें इन संस्थानों द्वारा दावा किये गए दस्तावेजों और प्रचार सामग्री में प्रयुक्त ब्रोसर भी शामिल किये गए है। इसमें मेडिकल टेस्ट की निर्धारित दरों और स्वास्थ्य एवं बजट दोनों का ख्याल रखने का दावा, NHMMI ने किया है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि इस संस्थान द्वारा धर्मार्थ के नाम पर मरीजों के साथ लूटपाट का बड़ा ही सुनियोजित कारोबार किया जा रहा है। इसमें सस्ते प्रचार और उसके साधनों का उपयोग करते हुए प्रदेश की जनता के साथ सस्ते और रियायती इलाज के नाम पर छल-धोखाधड़ी किया जा रहा है। शिकायत में NHMMI अस्पताल को मरीजों के खून का प्यासा ही नहीं बताया गया है, बल्कि इसकी इमारतों में मरीजों के खून से सने धब्बों की लंबी फेहरिस्त भी संलग्न की गई है। इसमें कई पीड़ित मरीजों और उनके परिजनों की दास्तान शामिल है।
शिकायत में सिविल सोसाइटी को बताया गया है कि स्वर्गीय भारती देवी खेमानी की इलाज में लापरवाही और एयर एम्बुलेंस में उपकरणों की कमी से हुई मौत के प्रकरण की जांच रिपोर्ट में ‘दोषसिद्धि’ पाई गई है। जानकारी के मुताबिक पीड़ितों की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने स्वर्गीय भारती देवी खेमानी की मौत की जांच एक मेडिकल कमेटी से करवाई थी। इस कमेटी ने पीड़ितों की शिकायतों को जायज ठहराते हुए NHMMI अस्पताल के खिलाफ मेडिकल एक्ट और IPC की धाराओं के तहत कार्यवाही की सिफारिश की थी। इस अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश भी इस कमेटी ने की थी। लेकिन महीनों बाद भी NHMMI अस्पताल के खिलाफ वैधानिक कदम नहीं उठाये गए है। नतीजतन, यह अस्पताल अब मेडिकल कारोबार में दिन दुगुनी रात चौगुनी अवैध वसूली की घटनाओं को अंजाम दे रहा है।
NHMMI की सेवा के नाम पर लूट की दरों पर एक नजर- NHMMI आजाद चौक और NHMMI लालपुर में मेडिकल टेस्ट की दरों में अंतर, ₹ 140/- का X-रे 810 रुपए में, ₹ 1000/- का सिटी ब्रेन 7200/- रुपए में, ₹ 400/- का सोनोग्राफी 2940/- रुपए में। यह दावे इस संस्थान की प्रचार सामग्री का मुख्य हिस्सा बताई जाती है। हालांकि एक ही संस्थान की विभिन्न मेडिकल दरों को लेकर न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने NHMMI के ‘चलनशील’ पदाधिकारियों से संपर्क किया। लेकिन इस मामले में कोई प्रतिक्रिया देने को तैयार नहीं हुआ।
उधर छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी प्रमुख डॉ. कुलदीप सोलंकी ने न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ से चर्चा करते हुए कहा कि NHMMI से जुड़ी पीड़ितों की शिकायत को IMA को भेजा गया है, इस पर संज्ञान लेने के लिए वरिष्ठ पदाधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
डॉ. कुलदीप सोलंकी ने कहा कि डॉक्टर को भगवान का दर्जा प्राप्त है, व्यावसायिक गतिविधियों में डॉक्टर हिस्सा तो लेते है, लेकिन वे कारोबारी नहीं होते। उन्होंने कहा कि मरीजों की पीड़ा और मानवता को देखते हुए ही कई लोग सेवा के लिए डॉक्टरी पेशे को अपनाते है, इसकी गरिमा बरक़रार रखने के लिए छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी पूरी तरह से सक्रिय है।
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