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खरपतवारों के बीच उगने वाला मकोय, जिसके संरक्षण की है जरूरत

   बिलासपुर। मकोय जिसे ब्लैक नाइटशेड के नाम से भी जाना जाता है। यह एक अद्वितीय औषधीय पौधा है। यह पौधा आमतौर पर खरपतवारों के बीच उगता है। इसक...

 

 बिलासपुर। मकोय जिसे ब्लैक नाइटशेड के नाम से भी जाना जाता है। यह एक अद्वितीय औषधीय पौधा है। यह पौधा आमतौर पर खरपतवारों के बीच उगता है। इसके फलों और पत्तियों में कई महत्वपूर्ण चिकित्सीय गुण होते हैं। मकोय के फल में आठ महत्वपूर्ण मेडिशनल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। यह कैंसर, उच्च रक्तचाप, किडनी रोग, मधुमेह और पाचन संबंधित समस्याओं का इलाज कर सकता है। पर्यावरण में आज यह पौधा विलुप्ति होने के संकट का सामना कर रहा है। खरपतवार नियंत्रण उपायों और कीटनाशक दवाओं के अत्यधिक प्रयोग ने मकोय के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है। बीटीसी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन बिलासपुर के कृषि वैज्ञानिक इस पौधे के संरक्षण और संवर्धन के उपायों पर शोध कर रहे हैं। दरअसल, वो चाहते हैं कि इसके बहुमूल्य औषधीय गुणों का लाभ भविष्य में भी मिल सके। मकोय का महत्व अब पारंपरिक चिकित्सा से लेकर आधुनिक चिकित्सा तक में बढ़ चुका है। इसके औषधीय गुणों के कारण यह पौधा न केवल आयुर्वेद में, बल्कि आधुनिक दवाओं में भी उपयोगी साबित हो रहा है। इस पौधे का संरक्षण पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी आवश्यक है। इसलिए, संरक्षण जरूरी है।

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