रायपुर। सीजीएमएससी घोटाले की परत खुलती जा रही है। जांच में पाया गया है कि ब्लड सैंपल कलेक्शन करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली ईडीटीए ट्...
रायपुर। सीजीएमएससी घोटाले की परत खुलती जा रही है। जांच में पाया गया है कि ब्लड सैंपल कलेक्शन करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली ईडीटीए ट्यूब की खरीदी में भी बड़ा गोलमाल किया गया था। आठ रुपये में मिलने वाली ट्यूब को 276 फीसदी अधिक कीमत पर खरीदा गया था। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने एफआईआर में रिएजेंट घोटाले से अलग इस खरीदी पर भी प्रकरण दर्ज किया है। सीजीएमएससी ने मोक्षित कार्पोरेशन से एथिलीन डायमाइन टेट्राएसेटिक एसिड (ईडीटीए ट्यूब) से 2,352 रुपये प्रति नग की कीमत से खरीदा था। वहीं, दूसरे राज्य के दवा निगम द्वारा इस सामग्री को अधिकतम 8.50 रुपये की दर से खरीदा गया है। सिर्फ इस खरीदी में 120 करोड़ की चपत लगाई गई। बता दें कि सीजीएमएससी द्वारा जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर, 2023 तक अरबों रुपये की खरीदी मोक्षित कॉर्पोरेशन और सीबी कॉर्पोरेशन के साथ की गई है। रिएजेंट घोटाले में ईओडब्लू ने सीजीएमएससी के अधिकारी कर्मचारी के साथ मोक्षित कॉर्पोरेशन, रिकॉर्ड्स और मेडिकेयर सिस्टम, श्री शारदा इंडस्ट्रीज, सीबी कॉर्पोरेशन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। ईओडब्ल्यू में दर्ज एफआईआर में लिखा है कि रिएजेंट खरीदी करने के लिए जो इंडेंट दिया गया, उसे दिए जाने के पहले संचालक स्वास्थ्य सेवाएं के द्वारा बिना बजट और बिना प्रशासनिक अनुमोदन के पूरी खरीदी की गई।
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