विकसित राज्य बनाने का सपना होगा साकार नारायणपुर के श्रीमती सुकाली बाई को 1 लाख 15 हजार रूपए तथा श्री जयलाल को एक लाख रुपए का हुआ अतिरिक्...
विकसित राज्य बनाने का सपना होगा साकार
नारायणपुर के श्रीमती सुकाली बाई को 1 लाख 15 हजार रूपए तथा श्री जयलाल को एक लाख रुपए का हुआ अतिरिक्त आय
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल के द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार खरीफ वर्ष 2023-24 से कृषक उन्नति योजना लागू की गई है। कृषक उन्नति योजना के क्रियान्वयन संबंधी प्रस्ताव अनुसार खरीफ वर्ष 2023 में धान खरीदी के आधार पर किसानों को प्रति एकड़ 19 हज़ार 257 रुपए के मान से आदान राशि प्रदान की जा रही है। छत्तीसगढ़ में सुदूर वनांचल स्थित नारायणपुर जिले के ग्राम एडका की श्रीमती सुकाली बाई और ग्राम बाकुलवाहि के श्री जयलाल को कृषक उन्नति योजना का लाभ मिला। राज्य में किसानों से अपने वायदे के मुताबिक प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी करने के साथ ही दो साल के धान के बकाया बोनस की राशि का भुगतान भी किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में खेती-किसानी और किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। कृषि के क्षेत्र में सम्पन्नता से ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और विकसित राज्य बनाने का सपना साकार होगा। श्री जयलाल ने कृषक उन्नति योजना अंतर्गत वर्ष 2023-24 में एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन कराकर कुल रकबा 5.23 एकड़ का धान फसल उत्पादन कर कुल 64 क्विंटल धान खरीदी केन्द्र एड़का में विक्रय किया गया, जिसका भारत सरकार द्वारा जारी न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रूपये प्रति क्विंटल की दर से कुल राशि 1 लाख 39 हजार 712 रूपये प्राप्त हुआ। कृषक उन्नति योजना अंतर्गत राशि 19257 रूपये प्रति एकड़ के दर पर कुल राशि 01 लाख 714 हजार रूपये अतिरिक्त प्राप्त हुआ। इस प्रकार कुल 02 लाख 40 हजार 426 रूपये उनके खाते में प्राप्त हुए। इसी तरह श्रीमती सुकाली बाई ने 6 एकड़ में धान फसल उत्पादन कर कुल 126 क्विंटल धान खरीदी केन्द्र एड़का में विक्रय किया गया, जिसका भारत सरकार द्वारा जारी न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रूपये प्रति क्विंटल की दर से कुल राशि 2 लाख 75 हजार 58 रूपये प्राप्त हुआ। कृषक उन्नति योजना अंतर्गत राशि 19257 रूपये प्रति एकड़ की दर पर कुल राशि 1 लाख 15 हजार 542 रूपये अतिरिक्त प्राप्त हुआ। इस प्रकार कुल 3 लाख् 90 हजार 600 रूपये उनके खाते में प्राप्त हुए।
श्री जयलाल और श्रीमती सुकाली का कहना है कि किसानों को धान के प्रति क्विंटल के मान से भुगतान की जा रही यह राशि देश में सर्वाधिक है। वह उक्त राशि का अपने घरेलू कार्यों, बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कृषि कार्य तथा परिवार की आवश्यकता के आधार पर उपयोग किया गया।
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