नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को यहां वीर बाल दिवस कार्यक्रम में भाग लिया और कहा कि इतिहास से लेकर वर्तमान तक युवा ऊ...
नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को यहां वीर बाल दिवस कार्यक्रम में भाग लिया और कहा कि इतिहास से लेकर वर्तमान तक युवा ऊर्जा ने हमेशा भारत की प्रगति में बड़ी भूमिका निभाई है। श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने साहिबजादों की अद्वितीय वीरता और बलिदान की याद में वीर बाल दिवस की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि यह दिन अब करोड़ों भारतीयों के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बन गया है। इस दिन ने कई बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस के लिए प्रेरित किया है।
श्री मोदी ने वीरता, नवाचार, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, खेल और कला के
क्षेत्र में आज वीर बाल पुरस्कार से सम्मानित किए गए 17 बच्चों की सराहना
की। उन्होंने कहा कि आज के पुरस्कार विजेता भारत के बच्चों और युवाओं की
विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने की क्षमता के प्रतीक हैं।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर गुरुओं और वीर साहिबजादों को श्रद्धांजलि
अर्पित की और पुरस्कार विजेताओं और उनके परिवारों को बधाई भी दी। वीर
साहिबजादों के बलिदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि आज के युवाओं के लिए
उनकी वीरता की गाथा को जानना जरूरी है और इसलिए उन घटनाओं को याद करना भी
जरूरी है। उन्होंने कहा कि तीन शताब्दी पहले आज ही के दिन वीर साहिबजादों
ने कम उम्र में अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने कहा कि साहिब जोरावर
सिंह और साहिब फतेह सिंह की कम उम्र के बावजूद उनके साहस की कोई सीमा नहीं
थी। उन्होंने कहा कि साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के सभी प्रलोभनों को ठुकरा
दिया, सभी अत्याचारों को सहन किया और वजीर खान द्वारा दिए गए मौत के दंड
को पूरी बहादुरी के साथ स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि साहिबजादों ने
उन्हें गुरु अर्जन देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह की वीरता की
याद दिलाई और यह वीरता हमारी आस्था की आध्यात्मिक ताकत थी। उन्होंने कहा कि
साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति देने का विकल्प चुना लेकिन आस्था के
मार्ग से कभी विचलित नहीं हुए।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि वीर बाल दिवस हमें सिखाता है कि
परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, राष्ट्र और राष्ट्रहित से बड़ा
कुछ नहीं है। उन्होंने कहा, “देश के लिए किया गया हर कार्य वीरता का कार्य
है और देश के लिए जीने वाला हर बच्चा और युवा वीर बालक है।” प्रधानमंत्री
ने कहा, “इस वर्ष का वीर बाल दिवस और भी विशेष है, क्योंकि यह भारतीय
गणतंत्र और हमारे संविधान की स्थापना का 75वां वर्ष है।” उन्होंने इस बात
पर जोर दिया कि भारतीय संविधान के इस 75वें वर्ष में देश का प्रत्येक
नागरिक राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए काम करने के लिए वीर साहिबजादों
से प्रेरणा ले रहा है। उन्होंने कहा कि देश के मजबूत लोकतंत्र को इस बात पर
गर्व है कि यह दिन साहिबजादों की बहादुरी और बलिदान पर बना है। उन्होंने
इस बात पर जोर दिया कि हमारा लोकतंत्र हमें समाज के अंतिम व्यक्ति के
उत्थान की ओर प्रेरित करता है। श्री मोदी ने कहा, “ संविधान हमें सिखाता है
कि देश में कोई छोटा या बड़ा नहीं है।”
उन्होंने कहा कि हमारे लोकतंत्र की विशालता गुरुओं की शिक्षाओं, साहिबजादों
के बलिदान और राष्ट्रीय एकता के मंत्र का प्रतीक है। श्री मोदी ने कहा, “
अतीत से लेकर वर्तमान तक, युवाओं की ऊर्जा ने भारत की प्रगति में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता की लड़ाई से
लेकर 21वीं सदी के आंदोलनों तक, भारतीय युवाओं ने हर क्रांति में योगदान
दिया है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि युवाओं की शक्ति के कारण ही
दुनिया भारत की ओर आशा और उम्मीदों से देखती है। उन्होंने कहा कि आज,
स्टार्ट-अप से लेकर विज्ञान, खेल से लेकर उद्यमिता तक, युवा शक्ति नई
क्रांतियों को जन्म दे रही है। इसलिए सरकार का सबसे बड़ा फोकस युवाओं को
सशक्त बनाना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी नीतियां, चाहे स्टार्ट-अप
इकोसिस्टम के लिए हों, अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के भविष्य के लिए हों, खेल और
फिटनेस क्षेत्र, फिनटेक और विनिर्माण उद्योग, या कौशल विकास और इंटर्नशिप
योजनाएं, युवा-केंद्रित हैं और इनका उद्देश्य युवाओं को लाभान्वित करना है।
उन्होंने कहा कि देश के विकास से जुड़े हर क्षेत्र में युवाओं को नए अवसर
मिल रहे हैं जबकि उनकी प्रतिभा और आत्मविश्वास को सरकार का समर्थन मिल रहा
है।
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