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जहां शहीद हुए थे 76 जवान, उस चिंतागुफा को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

 रायपुर: सुकमा जिले के चिंतागुफा नाम सुनते ही लोगों के जेहन में ताड़मेटला कांड की याद आ जाती है। देश के सबसे बड़े नक्सल हमले में 76 जवान बलिद...


 रायपुर: सुकमा जिले के चिंतागुफा नाम सुनते ही लोगों के जेहन में ताड़मेटला कांड की याद आ जाती है। देश के सबसे बड़े नक्सल हमले में 76 जवान बलिदान हुए थे, लेकिन घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र ने वह कर दिखाया है, जिसकी कल्पना मुश्किल थी। चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र को केंद्र सरकार के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है। स्वास्थ्य केंद्र को 89.69 प्रतिशत का उत्कृष्ट स्कोर प्राप्त हुआ है। चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र 2009 में आरएमए मुकेश बख्शी की पदस्थापना से अस्तित्व में आया था। 11 अप्रैल 2011 को नक्सलियों ने एंबुलेंस पर हमला कर दिया, जिसमें आरएमए मुकेश बख्शी और कई बच्चे मौजूद थे। आरएमए एंबुलेंस में बच्चों को बेहतर इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र दोरनापाल जा रहे थे। इसी दौरान नक्सलियों ने एम्बुस लगाकर एंबुलेंस पर गोलीबारी की। हालांकि, किस्मत से किसी को गोली नहीं लगी। नक्सलियों ने सभी को नीचे उतार कर जमीन पर लिटाकर बंदूक टिका दिया था।

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