रायपुर। रायपुर सेंट्रल जेल से सात ऐसे बंदी हैं, जो पैरोल पर छूटने के बाद वापस नहीं लौटे। एक बंदी दिसंबर 2002 से गायब हैं। इनमें अधिकतर बंदी ...
रायपुर। रायपुर सेंट्रल जेल से सात ऐसे बंदी हैं, जो पैरोल पर छूटने के बाद वापस नहीं लौटे। एक बंदी दिसंबर 2002 से गायब हैं। इनमें अधिकतर बंदी हत्या के प्रकरण में जेल में बंद थे। जेल और पुलिस प्रशासन ने इन बंदियों की कई बार तलाश की, लेकिन अब तक उनका कोई पता नहीं चला। प्रदेशभर में ऐसे बंदियों की संख्या करीब 70 है। अब जेल प्रशासन इन बंदियों की वापसी की राह ताक रहा है। सूचना के अधिकार के तहत रायपुर जेल के वारंट अधिकारी ने सात बंदियों के पेरोल पर छोड़े जाने के बाद से नहीं लौटने की जानकारी दी है। इसके अनुसार हत्या के केस में बंद शिवकुमार उर्फ मुन्ना पांच दिसंबर 2002, गणेश देवांगन 23 जुलाई 2008, संजीत उर्फ सुजीत आठ सितंबर 2010, कृष्ण कुमार 31 अगस्त 2013, राजीव कुमार दो अप्रैल 2020, रूपेंद्र साहू 21 नवंबर 2022 और नरेंद्र श्रीवास 18 जनवरी 2024 से पेरोल पर जेल से छोड़े गए थे। जेल मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले महीने हाई कोर्ट में पैरोल पर गए कैदियों की वापसी न होने के मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डबल बेंच ने इस मुद्दे पर सख्ती दिखाई थी। मुख्य न्यायाधीश ने डीजीपी जेल से ताजा रिपोर्ट शपथ पत्र के जरिए पेश करने को कहा था। इसके बाद डीजी जेल की ओर से हाई कोर्ट को जानकारी दी गई कि प्रदेश के पांच सेंट्रल जेलों ने 83 कैदी पैरोल से नहीं लौटे थे, जिनमें 10 को गिरफ्तार कर लिया गया और तीन की मृत्यु हो गई थी। अभी भी प्रदेश भर के जेलों से करीब 70 बंदी पैरोल से छूटने के बाद वापस नहीं लौटे हैं। केंद्रीय जेल बिलासपुर से पैरोल पर गए 22 बंदी लौटे ही नहीं। उनके स्वजन को बार-बार सूचना देने के बाद भी जब बंदी नहीं लौटे, तो जेल प्रबंधन ने संबंधित थानों को फरार बंदियों की जानकारी दी है। प्रबंधन की मानें, तो थानों में उनके फरार होने की एफआईआर दर्ज कराई गई है। सजायाफ्ता बंदियों के वापस जेल नहीं पहुंचने पर जेल प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। बिलासपुर के जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी ने बताया कि न्यायालय के निर्देश पर बंदियों को एक निर्धारित अवधि के बाद पैरोल के बाद वापस जेल लौटना होता है। अधिकांश बंदी लौट भी आते हैं। मगर, 22 बंदी ऐसे हैं जो जेल से बाहर तो निकले, लेकिन वापस लौटकर नहीं आए।
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