जनजातीय समुदायों के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ़ में अनेक योजनाएं हैं संचालित मुख्यमंत्री ने जनजातीय अस्मिता, अस्तित्व और विकास विषय पर आ...
जनजातीय समुदायों के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ़ में अनेक योजनाएं हैं संचालित
मुख्यमंत्री ने जनजातीय अस्मिता, अस्तित्व और विकास विषय पर आयोजित संगोष्ठी को किया संबोधित
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनजाति समाज सांस्कृतिक रूप से समृद्ध समाज है। यह समाज कुप्रथाओं का मुखर विरोध करता है। भारत की संस्कृति और देश की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए जनजातीय जननायकों के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर पूरे देश में 13 से 15 नवम्बर तक जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया। मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज की परंपराओं, संस्कृति रीति-रिवाज, तीज-त्यौहार और शासन द्वारा जनजातीय उत्थान के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 13 नवंबर को जशपुर जिले में आयोजित
पदयात्रा इतनी सफल रही कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसकी
खुलकर तारीफ की और ऐसे आयोजनों को जनजातीय समाज के विकास और उत्थान में
महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर हुए
राष्ट्रीय आयोजन ने अन्य प्रांतों से आए आदिवासी समुदाय को एक दूसरे की
संस्कृति को जानने-समझने का सुंदर अवसर दिया। श्री साय ने कहा कि पूर्व
प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल जी ने अपने कार्यकाल के दौरान सबसे पहले पृथक
जनजातीय कल्याण मंत्रालय बनाया और आदिवासियों के विकास के लिए एक मजबूत
नींव रखी।
उन्होंने कहा कि हम मैदानी और जनजातीय क्षेत्रों में अवसरों की समानता
स्थापित करने के लिए अपनी योजनाएं और नीतियां बना रहे हैं ताकि छत्तीसगढ़ के
प्रत्येक समुदाय के पास विकास के समान अवसर हों और जनजातीय समाज अपनी
प्राकृतिक और भौगोलिक जटिलताओं पर जीत हासिल करते हुए समग्र भारत के विकास
की मुख्य धारा में शामिल हो सकें। जब हम जनजातीय समुदायों की अस्मिता की
रक्षा करेंगे, उनकी संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करेंगे, उनके इतिहास और
उनके नायकों का गौरवगान करेंगे तो निश्चित रूप से मां भारती का यश बढ़ेगा,
उसका गौरव गान होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भारत के जनजातीय समुदायों के समग्र विकास के लिए मोदी जी पीएम जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसी योजनाएं चला रहे हैं। ये योजनाएं जनजातीय समुदायों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए क्रांतिकारी योजनाएं साबित हो रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी अनेक योजनाओं से जनजातीय समुदायों को बड़ा संबल मिला है। पिछले 11 महीने में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर अंचल में शांति स्थापित करने के लिए तेजी से अपने कदम बढ़ाए हैं। नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से शासन की योजनाओं को दूरस्थ अंचलों तक पहुंचाने की अनूठी पहल की गई है। बस्तर अंचल में सुरक्षाबलों के 34 नए कैंप खोले गए हैं और लगभग 96 गांवों में शासकीय योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि जनजातीय महानायकों के गौरवशाली इतिहास की जानकारी आने वाली पीढ़ी को हो इसलिए ऐसे आयोजन आवश्यक हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि उनके मूल्यों को अगली पीढ़ी तक ले जाएं। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज ने सदैव प्रकृति के संरक्षण की दिशा में कार्य किया है।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता श्री अतुल जोग ने कहा कि बिना स्वार्थ के जनजातीय समाज ने मानव सेवा का काम किया है। इसका सुंदर उदाहरण पद्म पुरस्कारों की घोषणाओं में भी देखने को भी मिला, जिसमें बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के लोग शामिल रहे हैं।
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