रायपुर। रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस शुरू से ही बैकफुट पर जाती हुई दिखाई दे रही है। हालात ऐसे हैं कि भाजपा ने अपने पत्ते ...
रायपुर। रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस शुरू से ही बैकफुट पर
जाती हुई दिखाई दे रही है। हालात ऐसे हैं कि भाजपा ने अपने पत्ते खोलते
हुए प्रत्याशी की घोषणा करने के साथ बैठकों का दौर भी शुरू कर दिया है,
लेकिन कांग्रेस अब भी आंतरिक कलह में फंसी हुई है। कांग्रेस के विश्वस्त
सूत्रों के अनुसार यहां से सिर्फ एक ही नाम का पैनल एआईसीसी (ऑल इंडिया
कांग्रेस कमेटी) को भेज दिया गया है। जिसमें सिर्फ आकाश शर्मा का ही नाम
है।
इसकी वजह से वहां से नारजगी का सामना पीसीसी को करना पड़ रहा
है। ऐसे में संभावनाएं जताई जा रही हैं कि टिकट की घोषणा में एक दिन और
विलंब हो सकता है। इसी बीच कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान भी कांग्रेस से
फार्म खरीदने वाले निगम सभापति प्रमोद दुबे के समर्थकों ने नारेबाजी भी कर
दी थी, इन सभी समीकरणों को देखा जाए, तो अंतर्कलह का दौर अभी से ही शुरू हो
गया है। वहीं, दूसरी ओर भाजपा ने अपनी रणनीति भी तैयार कर ली है और दक्षिण
का किला फतेह करने की दिशा में बढ़त बनाती हुई दिखाई दे रही है।
भाजपा
में बूथ मैनेजमेंट गुरु को माने जाने वाले सांसद बृजमोहन अग्रवाल स्वयं इस
उपचुनाव की रणनीति तैयार कर रहे हैं। रविवार को ही उन्होंने रायपुर शहर के
सभी विधायकों के साथ चर्चा की और दक्षिण में चुनाव प्रचार से लेकर आगे की
रणनीति तय की गई।
दक्षिण विधानसभा की सीट खाली होने के बाद से ही
कांग्रेस में दावेदारों की होड़ सी लग गई। इसमें आधा दर्जन से अधिक लोगों
ने अपनी-अपनी दावेदारी ठोंक दी। इसके बाद कई ऐसे नेता हैं, जिन्होंने
पार्टी कार्यालय से भी किनारा कर लिया है और अब वे इस पूरे चुनाव से ही खुद
को हटा रहे हैं।
भाजपा द्वारा बीते दिनों हुए लोकसभा और विधानसभा
चुनाव के हिसाब से आगे की रणनीति तय की जा रही है। इसके लिए पहले उन
वार्डों और बूथों पर फोकस किया जा रहा है, जहां भाजपा की लीड कम रही। ऐसे
क्षेत्रों को चिन्हांकित कर यहां ज्यादा-ज्यादा से प्रचार करने पर फोकस
किया जा रहा है।
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