रायपुर। लॉरेंस बिश्नोई के करीबी कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को सोमवार रायपुर कोर्ट में पेश किया गया। अमन साहू को मजिस्ट्रेट भूपेश कुमार बसंत...
रायपुर। लॉरेंस बिश्नोई के करीबी कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को सोमवार रायपुर कोर्ट में पेश किया गया। अमन साहू को मजिस्ट्रेट भूपेश कुमार बसंत की कोर्ट में पेश किया गया पेश। इस दौरान कोर्ट में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। झारखंड जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को सोमवार रात आधी रात के वक्त कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच झारखंड से रायपुर लाया गया। उसे झारखंड के सरायकेला जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ और झारखंड की 30 से अधिक सशस्त्र पुलिस बल की टीम मौजूद थी।
अमन साहू को रायपुर पहुंचने के बाद सीधे क्राइम ब्रांच के ऑफिस में रखा गया, जहां सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। पुलिस के अनुसार, उसे आज कोर्ट में पेश किया जाएगा और रिमांड पर लिया जाएगा, ताकि उसके खिलाफ चल रहे मामलों में पूछताछ की जा सके। गैंगस्टर अमन साहू को प्रोडक्शन वारंट में रायपुर लाने कोर्ट से करीब छह बार प्रोडक्शन वारंट पुलिस हासिल कर चुकी है, लेकिन हर बार सुरक्षा और बल की कमी बताकर झारखंड पुलिस व स्थानीय जेल प्रशासन रायपुर पुलिस को खाली हाथ लौटाते आई है।
इस बार कोर्ट ने अमन साहू और उसके दो गुर्गे विक्रम सिंह और आकाश राय उर्फ मोनू के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। तीनों अभी सरायकेला जेल में बंद हैं। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि विक्रम सिंह और आकाश राय भी अमन के साथ रायपुर लाए जा रहे है या नहीं। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल अमन साहू को ही रायपुर लाया गया है। बाकी दोनों आरोपियों को भी जल्द लाकर कोर्ट में पेश किया जाएगा। अमन को कोर्ट में पेशकर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा। उससे पीआरए ग्रुप के दफ्तर और कोयला कारोबारी के घर, कार्यालय की रेकी कर उसकी हत्या करने की साजिश के संबंध में पूछताछ की जाएगी।
13 जुलाई को सड़क और कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े तेलीबांधा रिंग रोड स्थित पीआरए ग्रुप के दफ्तर के बाहर अमन साहू के गुर्गों ने फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद पुलिस को ने अमन साहू और मलेशिया में बैठे मयंक सिंह गैंग के कई शूटरों समेत सहयोगियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इससे पहले 23 मई को रायपुर में एक बड़े कोयला कारोबारी की हत्या करने के इरादे से पहुंचे इस गैंग के चार शूटरों को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
गैंगस्टर अमन साहू अपने गुर्गों के जरिए लेवी वसूलने टारगेट में लिए छत्तीसगढ़, झारखंड समेत अन्य राज्यों में सड़क निर्माण का ठेका लेने वाले प्रहलाद राय अग्रवाल को मारने के इरादे से नहीं बल्कि डराने के लिए फायरिंग कराई थी, ताकि घटना के बाद डरकर कारोबारी आसानी से लेवी दे सके। पुलिस अफसर भी स्वीकार कर रहे है कि जिस सुरक्षित तरीके से झारखंड जेल में बंद अमन साहू अपने गैंग को ऑपरेट कर रहा है, वह शायद बाहर आने के बाद न कर पाए। अब देखना है कि रायपुर पुलिस अमन साहू को कोर्ट में पेशकर कितने दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ करेंगी।
हार्डकोर गैंगस्टर अमन के खिलाफ अकेल झारखंड में 90 मामले दर्ज हैं। हर दूसरे-तीसरे दिन झारखंड के अलग-अलग कोर्ट में उसकी वर्चुअल पेशी होती है। अमन की कोर्ट पेशी और सुरक्षा का हवाला देकर अब तक झारखंड पुलिस प्रोडक्शन वारंट में उसे रायपुर भेजने से बचती रही है।
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