रायपुर। दक्षिण का रण और भी रोचक होता जा रहा है। हालात इस कदर हैं कि टिकट की घोषणा के बाद दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में अंतर्कलह की श...
रायपुर। दक्षिण का रण और भी रोचक होता जा रहा है। हालात इस कदर हैं कि टिकट की घोषणा के बाद दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में अंतर्कलह की शुरुआत हो चुकी है। इस बार यह संघर्ष केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसमें पार्टी में एकजुब्ता की कमी भी साफ देखी जा रही है। इसका स्पष्ट उदाहरण कांग्रेस द्वारा गुरुवार को आयोजित नामांकन रैली में देखने को मिला। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नामांकन रैली के दौरान मंच पर चढ़ने के लिए पूर्व मंत्री चरणदास महंत को हाथ देकर मदद की। लेकिन इसके ठीक बाद जब प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज मंच पर चढ़ने की कोशिश करने लगे, तो भूपेश ने भी उन्हें हाथ बढ़ाया। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से दीपक बैज ने भूपेश का हाथ नहीं पकड़ा और बिना किसी सहारे के ही मंच पर चढ़ गए। अब इसे लेकर पार्टी में अंतर्कलह को लेकर चर्चा तेज हो गई है। साथ ही यह सवाल खड़ा करती है कि क्या कांग्रेस के भीतर ही विभिन्न गुटों के बीच विश्वास की कमी है।
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