पुण्य श्लोक महारानी अहिल्याबाई होल्कर जी त्रि–शताब्दी वर्ष में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और अहिल्याबाई होल्कर समिति द्वारा गवर्नमेंट आद...
पुण्य श्लोक महारानी अहिल्याबाई होल्कर जी त्रि–शताब्दी वर्ष में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और अहिल्याबाई होल्कर समिति द्वारा गवर्नमेंट आदर्श महाविद्यालय रखा गया।जिसमें मुख्य वक्ता श्री भरत भूषण जी उपस्थित रहें। उन्होंने अपने व्याख्यान में पुण्य श्लोक महारानी अहिल्याबाई होल्कर जी के जन्म से लेकर उनके शासन के बारे में रखा गया। जिसमें देवी अहिल्याबाई होल्कर के वर्तमान में उनके जो कार्य शैली रही है, उनके शासनकाल में वह वर्तमान में प्रासंगिक है। उनका कार्य हमेशा सुशासन का कार्य रहा है।
उन्होंने मंदिर से लेकर महिला सशक्तिकरण के कई विषयों को लेकर वह लगातार आगे बढ़ते रहें। उन्होंने अपने जन्म से ही और अपने अंतिम तक अपने कार्यों को एक बड़ा उदाहरण पेश किया। चाहे वह काशी विश्वनाथ का मंदिर हो। चाहे कई प्रकार के 100 से भी अधिक मंदिर का उन्होंने जीर्णोद्धार किया और धर्मशाला बनाया,कई प्रकार की सेवा कार्य भी किया,वह निष्ठावान और न्यायप्रिय रहीं। उसका सबसे बड़ा उदाहरण उन्होंने प्रस्तुत किया,वह अपने बच्चे तक के लिए न्याय के लिए उतना ही कठोर होते है।ऐसे कई प्रकार के कार्य जो वर्तमान में प्रासंगिक दिखाई देते हैं, वह सब कार्य महारानी अहिल्याबाई होल्कर जी के कार्यों से बिल्कुल जुड़े हुए हैं। उनके अदम्य साहस और उनके वीरता की प्रशंसा उनके दुश्मन भी करते थे। ऐसे कई प्रकार के उदाहरण उन्होंने प्रस्तुत किया। और आने वाले समय में अगर प्रेरणा हमारी बहनों और महिला को सशक्त होने के लिए प्रेरणा लेनी है,वह एक मात्र उदाहरण जो शस्त्र और शास्त्र में पारंगत कार्य करती थी, वह एक नाम है,देवी अहिल्याबाई होलकर। इसमें मुख्य रूप से प्रदेश कार्यसमिति योगेश साहू,प्रथम राव,सुजल गुप्ता,श्रेयांश, हर्षित आदि छात्र प्रतिनिधि उपस्थित रहें।
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