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नारायणपुर मुठभेड़ में नक्सलियों ने स्वीकारा 35 साथियों की मौत

 दंतेवाड़ा। नक्सलियों ने स्वीकार किया है कि दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की सीमा पर थुलथुली में चार अक्टूबर को हुए मुठभेड़ में उनके 35 साथी ...


 दंतेवाड़ा। नक्सलियों ने स्वीकार किया है कि दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की सीमा पर थुलथुली में चार अक्टूबर को हुए मुठभेड़ में उनके 35 साथी मारे गए हैं। पूर्वी बस्तर डिविजन कमेटी ने एक प्रेस नोट जारी कर इस मुठभेड़ की जानकारी दी, जिसमें कहा गया कि मुठभेड़ के बाद पुलिस ने 31 नक्सलियों के शव बरामद किए थे, जबकि चार शव नक्सली अपने साथ ले गए थे, जिन्हें अबूझमाड़ के जंगल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। यह मुठभेड़ उस समय हुई जब पुलिस के जवानों ने नक्सलियों को घेर लिया था। नक्सलियों ने बताया कि चार अक्टूबर की सुबह 6 बजे से 11 बजे के बीच अलग-अलग स्थानों पर मुठभेड़ शुरू हुई थी।

नक्सलियों ने दावा किया कि जब एक दिशा से घेराबंदी की गई, तो उन्होंने दूसरी दिशा में मूवमेंट किया, लेकिन वे वहां भी घिर गए। नक्सल नेता के अनुसार, सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक रुक-रुककर गोलीबारी होती रही, जिसके परिणामस्वरूप रात तक 14 साथी मारे गए थे। नक्सलियों का आरोप है कि रात के समय पुलिस ने 17 साथियों को पकड़कर मार डाला। मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में कुछ प्रमुख नाम शामिल हैं। 25 लाख रुपये के इनामी नक्सली नीति और 10 लाख रुपये के इनामी नंदू मंडावी को भी मुठभेड़ में ढेर किया गया। इसके अलावा, आठ लाख रुपये के इनामी नक्सली सुरेश सलाम, मीना नेताम, महेश, सुंदर आदि सहित 29 नक्सलियों की पहचान की गई।

दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने कहा, इस मुठभेड़ में विभिन्न नक्सली समूहों के सदस्यों की पहचान की गई है। इसमें एक डीकेएसजेडसी कमांडर, एक सीवाईपीसी कमांडर, तीन डीवीसीएम, 14 पीएलजीए कंपनी नंबर-छह के सदस्य, दो डीकेएसजेडसी गार्ड, छह एरिया कमिटी सदस्य और दो एरिया कमिटी के पार्टी सदस्य शामिल हैं। यह मुठभेड़ नक्सलियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है, जिससे उनके संगठन में भंग और नेतृत्व में कमी आने की संभावना है। पुलिस प्रशासन ने इस सफल अभियान को अपनी उपलब्धि बताया है, जिससे क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।


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