रायपुर। सबसे पहला राज्योत्सव राज्य आंदोलनकारी छसपा ने 1 नवंबर 2000 को मनाया था जिसका अनुसरण राज्य सरकार ने दूसरे वर्ष 2001 से प्रारंभ कि...
रायपुर। सबसे पहला राज्योत्सव राज्य आंदोलनकारी छसपा ने 1 नवंबर 2000 को मनाया था जिसका अनुसरण राज्य सरकार ने दूसरे वर्ष 2001 से प्रारंभ किया। राज्य आंदोलनकारियों ने राज्योत्सव का क्रम प्रतिवर्ष मनाते आ रहा है और इस राज्योत्सव का नाम रजत जयंती छत्तीसगढ़ राज्योत्सव दिया है, क्योंकि राज्य आंदोलनकारियों का 25वां आयोजन है। राजधानी में 23 अक्टूबर को आयोजन का शंखनाद होगा जिसमें तीन पाली का कार्यक्रम आयोजित है। पहला राजधानी में छत्तीसगढ़ के सैकड़ों कलाकार सड़कों पर छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रदर्शन करेंगे। दूसरे पाली में सभी राज्य आंदोलनकारी छत्तीसगढ़ स्तर पर साल भर आयोजन कर बनायेंगे कार्यक्रम, रथ यात्रा के प्रभारी के साथ चलचित्र प्रदर्शन की रूपरेखा होगी तय। तीसरे पाली में शाम 7 बजे से छत्तीसगढ़ी फिल्म स्टार सुनील तिवारी की टीम द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी। यह कार्यक्रम साहू काम्पलेक्स धर्मशाला टिकरापारा में आयोजित किया गया है। चूंकि 31 अक्टूबर की शाम को 7 बजे से राज्य आंदोलनकारी राजधानी रायपुर के 10 जगहों पर आतिशबाजी करके राज्योत्सव मनाएगा।
राज्य आंदोलनकारी के अध्यक्ष अनिल दुबे, जीडा जी.पी. चंद्राकर, जागेश्वर प्रसाद व वेगेन्द्र सोनबेर ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए उक्त जानकारी दिए। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक टीम का गठन किया गया है जिसमें दीनदयाल वर्मा, जागेश्वर प्रसाद, जी.पी. चंद्राकर, अनिल दुबे, लालाराम वर्मा, चेतन देवांगन, भुवनलाल पटेल, गिरधारी सिंह ठाकुर, अशोक कश्यप, वेगेन्द्र सोनबेर, गोवर्धन वर्मा, छन्नू साहू, गणपति पटेल, शिवप्रसाद, महेन्द्र कौशिक, विमल ताम्रकार, बृजबिहारी साहू, मुनु बाई पटेल, चैती देवी महंत शामिल है।
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