राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 57,000 मतों के गढ्ढे को नहीं पाट पाए। इस कारण उन्हें हार...
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 57,000 मतों के गढ्ढे को नहीं पाट पाए। इस कारण उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। वहीं दूसरी ओर संतोष पांडेय मोदी के नाम से पूरे चुनाव में कार्यकर्ताओं तक पहुंचे और चुनाव जीत गए। भूपेश बघेल को लेकर राजनांदगांव के कार्यकर्ताओं के बीच इतना असंतोष था कि उनके द्वारा कार्यकर्ता सम्मेलन में ही अपना गुस्सा जाहिर कर दिया गया था। उसके बाद से जो माहौल बिगड़ा वह नहीं संभला। भूपेश बघेल का पिछले पांच साल मुख्यमंत्री का कार्यकाल भी इस लोकसभा चुनाव में उन्हें भारी पड़ गया। कार्यकर्ताओं का सीधा आरोप था कि पांच वर्षों तक उनकी उपेक्षा की गई। अब किस मुंह से वह उनके लिए काम करेंगे। वहीं, भूपेश बघेल ने कवर्धा, पंडरिया जैसी विधानसभाओं से जीत हासिल की है। संतोष पांडेय के कार्यकर्ताओं का गुस्सा कम नहीं था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खैरागढ़ में आकर कार्यकर्ताओं से बात की, तब जाकर संतोष पांडेय की स्थिति मजबूत हो पाई है। इसके अलावा आदित्यनाथ की सभा ने भी स्थिति को ठीक करने में काफी हद तक दिया। वहीं, दूसरी और भूपेश बघेल के लिए प्रियंका गांधी द्वारा खैरागढ़ में प्रचार करने के बाद भी भूपेश बघेल हार गए।
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