रायपुर। अयोध्या धाम में भगवान श्री रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में भी लोगों में उत्साह है। भाजपा इस...
रायपुर। अयोध्या धाम में भगवान श्री रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में भी लोगों में उत्साह है। भाजपा इस मुद्दे को भुना रही है। भाजपा पोस्टरों और इंटरनेट मीडिया के जरिए ''जो राम को लाएं हैं, हम उनको लाए हैं'', का प्रचार-प्रसार करने में लगी है। इस बीच कांग्रेस ने भगवान राम और शिव के बीच सियासी संग्राम छेड़ दिया है। 30 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह कहकर विवाद को हवा दी थी कि यहां शिव और राम के बीच मुकाबला है। इसके बाद छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता समेत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खरगे को घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा ने खरगे के बयान को भारत की सनातम मान्यताओं का अपमान करार दिया है। राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष ने शिव और राम के बीच मुकाबले की बात कर चुनावी मैदान में धर्म और आस्था का एंगल दे दिया है। इससे छत्तीसगढ़ में भाजपा को बैठे-बिठाए एक मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस ने राम और शिव भक्तों के बीच विवाद को हवा देकर दक्षिण भारत के वैष्णव और शैव भक्तों के बीच राजनीतिक दांव खेलने की कोशिश की। भाजपा कह रही है कि कांग्रेस की नीति रही है बांटो और राज करो। कांग्रेस अंग्रेजों की विरासत को आगे बढ़ा रही है। कांग्रेस ने जाति, धर्म, भाषा के नाम पर देश को बांटा है। उन्होंने पहले भी ऐसा किया है और करेंगे। भविष्य में भी ऐसा ही होगा। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने 30 अप्रैल को छत्तीसगढ़ की जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट पर सार्वजनिक रैली के दौरान भगवान राम और भगवान शिव पर बयान दिया था। शिवकुमार डहरिया के समर्थन में उन्होंने कहा था कि कि यह उम्मीदवार शिवकुमार डहरिया हैं। उनका नाम शिवकुमार है बराबर। ये राम का मुकाबला कर सकता है, क्योंकि ये शिव है। मैं भी मल्लिकार्जुन हूं। खरगे के बयान के बाद भाजपा नेता व उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने यह कहकर कांग्रेस को घेरा कि कांग्रेसी प्रभु श्रीराम को अपना शत्रु मानते हैं। कांग्रेसी शिव होने का दुस्साहस कर रहे हैं, लेकिन वह जानते नहीं की शिव राम को ही अपना आराध्य मानते हैं। जो कांग्रेसी राम के अस्तित्व को नकार चुके हैं। राम मंदिर के आमंत्रण को ठुकरा चुके हैं। खरगे का यह बयान राष्ट्रीय स्तर पर भी विवादित हो चुका है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस अपनी संभावित हार से बौखला गई है। हार की हताशा इस प्रकार के बयान दे रही है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने खरगे के बयान को विकृत मानसिकता और सनातन संस्कृति के प्रति कांग्रेस की घृणास्पद सोच का परिचायक बताया है। गुप्ता ने कहा कि खरगे को कोई भी तुलना करते समय इतना तो सामान्य ज्ञान का परिचय देना था कि शिव तो स्वयं राम को अपना आराध्य मानते हैं और सनातन संस्कृति के किसी भी युग में शिव और राम के बीच युद्ध का कोई दृष्टांत नहीं है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि खरगे के बयान को भाजपा गलत ढंग से प्रस्तुत कर रही है। मुद्दाविहीन भाजपा के पास कोई काम नहीं बचा है। खरगे ने कहा था कि राम के प्रिय शिव यहां मुकाबले में हैं। कोई सनातनी यह सोच ही नहीं सकता है कि भगवान राम और शिव में कोई मुकाबला होगा। भाजपा राम के नाम पर केवल वोट बैंक की राजनीति कर रही है। राम सभी के हैं।
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