बिलासपुर। जलवायु परिवर्तन ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। पर्यावरण को संरक्षित करने के बजाय हम विनाश कर रहे हैं। समय रहते यदि हम सचे...
बिलासपुर। जलवायु परिवर्तन ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। पर्यावरण को संरक्षित करने के बजाय हम विनाश कर रहे हैं। समय रहते यदि हम सचेत नहीं हुए तो इसके भयावह परिणाम होंगे। वन संरक्षण की दिशा में हमें छोटे-छोटे कदम उठाने होंगे। प्लास्टिक के खाली डिब्बों में सामान रखें या पौधे लगाएं। प्लास्टिक बोतल की जगह कांच, स्टील या तांबे की बोतल का उपयोग करना चाहिए। प्लास्टिक कप, प्लेट की जगह मिट्टी के कुल्हड़, कागज या पत्ते के बने प्लेट अपनाएं। प्लास्टिक के खाली डिब्बों में सामान रखें या पौधे लगाएं। गाड़ी के पहिए में हवा चेक करवाते रहें, इससे पेट्रोल बचता है। लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का उपयोग करें। प्रकृति के संरक्षण के लिए हमें कुछ बिंदुओं पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है, जैसे घर की खाली जमीन, बालकनी, छत पर पौधे लगाएं। आर्गैनिक खाद, गोबर खाद या जैविक खाद का उपयोग करें। कपड़े के बने झोले-थैले लेकर निकलें, पालिथिन-प्लास्टिक न लें। खिड़की से पर्दे हटाएं, दिन में सूरज की रोशनी से काम चलाएं। सोलर पैनल लगवाएं, सोलर कुकर में खाना बनाएं। लीक हो रहे नल ठीक करवाएं। शावर लेने की बजाय बाल्टी से नहाएं। सामान्य बल्ब की जगह पर सीएफ़एल या एलईडी बल्ब लगाएं। आसपास जाने के लिए बाइक की बजाय साइकिल से या पैदल जाएं। लोगों को बर्थडे, त्योहार पर पौधे गिफ्ट करें। कमरे से निकलने पर टीवी, लाइट, फैन, एसी बंद कर दें। कपड़ा धोने से बचे पानी को पौधों में डाल दें या जमीन धोएं।पर्यावरण मित्र
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