रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब 4जी नेटवर्क की धमक देखी जा रही है। केंद्र सरकार की योजना के तहत प्रदेश के 18 जिलों क...
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब 4जी नेटवर्क की धमक देखी जा रही है। केंद्र सरकार की योजना के तहत प्रदेश के 18 जिलों के करीब 525 गांवों में दो वर्ष के भीतर 4जी नेटवर्क की स्थापना की जा चुकी है। केंद्र सरकार की एलडब्ल्यूई योजना के तहत शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट में 841 करोड़ रुपये की लागत से 971 गांवों में मोबाइल टावर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। दूरसंचार विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी अब मोबाइल नेटवर्क और तकनीक की पहुंच बढ़ती जा रही है। बस्तर से लेकर सुकमा में 4जी की मोबाइल नेटवर्क की पहुंच हो चुकी है। केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट नेटवर्क के लिए नई योजनाओं की शुरूआत की है। दूरसंचार निगरानी एवं प्रवर्तन प्रकोष्ठ से मिली जानकारी के मुताबिक एलडब्ल्यूई योजना में ऐसे गांवों को चयनित किया गया है, जो कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं। यहां टावर स्थापित करना चुनौती पूर्ण कार्य है। ऐसी स्थितियों में भी लक्ष्य के करीब पहुंचते जा रहे हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जहां सुरक्षा बलों के नए कैंप खुलते जा रहे हैं, वहां भी नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। प्रदेश के 20,072 गांवों में से 18,948 गांवों में मोबाइल नेटवर्क की पहुंच हो चुकी है,वहीं प्रदेश में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 2.69 करोड़ पहुंच चुकी है। सबसे ज्यादा मोबाइल नेटवर्क की स्थापना कबीरधाम, रायगढ़,कांकेर,जशपुर, कोरबा,सारंगढ़-बिलाईगढ़,गरियाबंद आदि जिलों में किया गया है। प्रदेश में कुल 16,278 मोबाइल नेटवर्क की स्थापना हो चुकी है।
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