बिलासपुर। जिले में मवेशियों के तस्कर और पुलिस के एक आरक्षक के गठजोड़ का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मवेशियों के तस्करों को पकड़ने के बाद ...
बिलासपुर। जिले में मवेशियों के तस्कर और पुलिस के एक आरक्षक के गठजोड़ का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मवेशियों के तस्करों को पकड़ने के बाद पुलिस की जानकारी में इस बात का पता चला है। आरक्षक के मिलीभगत की जानकारी मिलते ही एसपी ने उसे लाइन अटैच कर दिया है। अधिकारियों को पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। हिर्री पुलिस को सूचना मिली कि कुछ लोग घातक हथियारों के साथ बेलमुंडी के एक यार्ड में छुपे हैं। उनके पास घातक हथियार हैं। हथियारों से लैस लोग किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में है। इसकी जानकारी अधिकारियों को दी गई। अधिकारियों ने हिर्री, चकरभाठा पुलिस और एसीसीयू के जवानों की चार टीम बनाई। चारों टीम ने शनिवार की रात बेलमुंडी स्थित यार्डनुमा मकान की घेराबंदी की। पुलिस के जवानों को देखते ही वहां छुपे लोग हथियारों के दम पर भागने की कोशिश करने लगे। इधर पहले से ही सतर्क पुलिस ने भाग रहे 10 लोगों को पकड़ लिया। प्राथमिक पूछताछ में पता चला कि सिरगिट्टी थाने में पदस्थ एक आरक्षक के संरक्षण में मवेशी तस्करी सक्रिय रहे। आरक्षक की शह पर वे लंबे समय से जिले में मवेशी और गांजा तस्करी कर रहे थे। जवान की मिलीभगत की जानकारी तत्काल एसपी रजनेश सिंह को दी गई। इस पर एसपी ने संदेही आरक्षक को लाइन अटैच कर दिया है। आरक्षक जिले के सकरी थाने में पोस्टिंग के दौरान मवेशी तस्करों को संरक्षण देता था। वह मवेशी तस्करों को सुरक्षित रास्ते से जिले के बाहर पहुंचाने के काम में लगा था। मामला सामने आने पर आरक्षक के खिलाफ सकरी थाने में जुर्म दर्ज कर जांच की गई। कुछ दिन बाद आरक्षक को सिरगिट्टी थाने में पोस्टिंग दे दी गई। यहीं से वह एक बार फिर से मवेशी तस्करों से जुड़ गया।
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