इंदौर। पंजाब किंग्स के आशुतोष शर्मा ने गुरुवार को आईपीएल 2024 में मुंबई इंडियंस के खिलाफ 28 गेंदों पर ताबड़तोड़ 61 रनों की पारी खेली, लेक...
इंदौर। पंजाब किंग्स के आशुतोष शर्मा ने गुरुवार को आईपीएल 2024 में मुंबई इंडियंस के खिलाफ 28 गेंदों पर ताबड़तोड़ 61 रनों की पारी खेली, लेकिन टीम को इसके बावजूद चार विकेट से हार का सामना करना पड़ा। आशुतोष आईपीएल 2024 में लगातार इस तरह की ताबड़तोड़ पारियां खेलकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब आशुतोष अवसाद में थे औऱ खेल छोड़ने के बारे में सोच रहे थे। आशुतोष ने इस आईपीएल 2024 में हर बार उस समय मैदान संभाला जब पंजाब किंग्स की टीम मुश्किलों में थी। उन्होंने मुंबई इंडियंस के खिलाफ 217.86 के स्ट्राइक रेट से खेली पारी में दो चौके और सात छक्के शामिल थे। आशुतोष का इस मैच में आईपीएल 2024 में अभी तक सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले जसप्रीत बुमराह की गेंद पर स्वीप शॉट से लगाए छक्के ने सभी का दिल जीत लिया। बुमराह के खिलाफ इस छक्के के बारे में उन्होंने मैच के बाद कहा कि बुमराह की गेंद पर छक्का मारने का सपना आज पूरा हो गया। मैं हमेशा से इस बारे में सोचा करता था। मैं इस तरह के शॉट्स का अभ्यास करता रहा हूं और मैंने यह शॉट विश्व के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के खिलाफ खेला। अभी तक आशुतोष ने इस सत्र में चार मैच खेले हैं और उनमें 156 रन बना चुके हैं। आशुतोष ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ अपने पहले मैच में 17 गेंदों पर 31 रनों की पारी खेल टीम को लगभग नामुमकिन जीत दिला दी। सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ अपने दूसरे मैच में जब आशुतोष क्रीज पर पहुंचे तो टीम को 27 गेंदों पर 69 रनों की जरूरत थी। उन्होंने 11 गेंदों पर नाबाद 33 रनों की पारी खेली पर टीम दो रनों से मैच हार गई। मुंबई इंडियंस के खिलाफ पंजाब किंग्स की टीम ने 10वें ओवर में 77 रनों पर छह विकेट गंवा दिए थे। ऐसे में आशुतोष ने फिर से पारी को संवारा। इस सत्र में पहली बार उन्हें 15 ओवरों से पहले बल्लेबाजी का मौका मिला। उन्होंने एक बार धमाकेदार पारी खेली, लेकिन दुर्भाग्य से टीम को जब जीत के लिए नौ रनों की जरूरत थी, तब वह आउट हो गए। रतलाम में जन्में आशुतोष ने आठ साल की उम्र में क्रिकेट खेलने के लिए घर छोड़ा और इंदौर आकर रहने लगे। मप्र क्रिकेट अकादमी में पूर्व भारतीय खिलाड़ी अमय खुरासिया की निगरानी में क्रिकेट की बारिकियां सीखीं। उन्होंने कहा कि अमय सर ने मेरे जीवन में अहम योगदान दिया। उन्होंने मुझे अनुशासन के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य क बारे में सीखाया। मैंने उनसे बल्लेबाजी में भी काफी कुछ सीखा। आशुतोष ने 2018 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में मध्य प्रदेश की सीनियर टीम के लिए पदार्पण किया। अगले सत्र में वह तीन अर्धशतकों के साथ दूसरे सर्वोच्च रन स्कोरर रहे, लेकिन अगला सत्र उनके लिए दुखद रहा। यह इस खिलाड़ी के लिए बहुत बड़ा मौका था, जो साल 2020 से 2022 के बीच अपने करियर के सबसे खराब दौर से गुजरे। इस समय वह यह तय नहीं कर पा रहे थे कि खेल को जारी रखें या नहीं। यह वह दौर था मध्य प्रदेश में पेशेवर कोच (चंद्रकांत पंडित) की नियुक्ति हुई। उनकी खिलाड़ियों के चयन में अपनी पसंद रही। आशुतोष को टीम से बिना कारण बताए बाहर कर दिया गया। आशुतोष ने उस बुरे दौर को याद करते हुए कहा- मप्र के लिए अपने अंतिम मैच में मैंने 84 रन बनाए थे। अगले सत्र में पेशेवर कोच आ गए और उनकी अपनी पसंद थी। वह मुझे पसंद नहीं करते थे और उन्होंने मुझे टीम से बाहर कर दिया। मप्र टीम चयन के ट्रायल्स के दौरान मैंने 45 गेंदों पर 90 रन बनाएं, लेकिन मुझे टीम से निकाल दिया गया। मुश्ताक अली ट्रॉफी के पिछले सत्र में तीन अर्धशतकों के बाद भी मुझे मैदान पर नहीं जाने दिया जाता था। यह कोविड का दौर था, तो केवल 20 लोग ही टीम के साथ थे। मैं होटल में ही रहता था। उस समय मैं करीब एक से दो महीने होटल में ही रहा। इस दौरान मैंने मैदान भी नहीं देखा था। मैं केवल जिम जाता था और फिर से अपने रूम पर आ जाता था। मैं बहुत निराश हो गया था और अवसाद की स्थिति में पहुंच गया था। कई दिनों तक नींद भी नहीं आई थी। मैं सोच रहा था कि खेल जारी रखना है या नहीं। वह दो-तीन साल बहुत खराब थे। इसके बाद रेलवे से खेलने का प्रस्ताव मिला। वहां पर 2023 में मुश्ताक अली ट्रॉफी से पदार्पण किया। अरूणाचल प्रदेश के खिलाफ आशुतोष शर्मा ने 11 गेंदों पर 50 रन बनाते हुए टी-20 का सबसे तेज अर्धशतक जड़ते हुए, युवराज सिंह के रिकार्ड की बराबरी कर ली। इस पारी के दौरान पंजाब किंग्स के कोच संजय बांगर की नजर पड़ी और दो महीने पहले पंजाब किंग्स ने उन्हें 20 लाख रुपये के बेस प्राइज में खरीदा। यहां पर सफलता के लिए उन्होंने टीम के कोच संजय बांगर और कोच शिखर धवन को श्रेय दिया। सत्र से पहले शिविर में कोच बांगर ने उनसे कहा कि तुम केवल स्लागर नहीं हो, तुम कुछ शानदार क्रिकेटीय शॉट्स खेलते हो। इन बातों ने उनका मनोबल बढ़ा दिया। इसके बाद वह टाइमिंग व क्रिकेटीय शॉट्स खेलने पर ध्यान देने लगे।
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