ट्रांसजेंडर के सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर आधारित वार्षिक कैलेंडर और अधिकारों पर राष्ट्रीय स्तर पर परिचर्चा रायपुर। ट्रांसजेंडर के अधिकारों ...
ट्रांसजेंडर के सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर आधारित वार्षिक कैलेंडर और अधिकारों पर राष्ट्रीय स्तर पर परिचर्चा
रायपुर।
ट्रांसजेंडर के अधिकारों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित परिचर्चा के
अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह श्री सुरेश भैयाजी
जोशी, एम्स नई दिल्ली के डायरेक्टर डॉ एम श्रीनिवास व सामाजिक न्याय और
अधिकारिता मंत्रालय की संयुक्त सचिव राधिका चक्रवर्ती सहित अनेक गणमान्य
अतिथियों ने मैट्स विश्वविद्यालय, रायपुर के कला एवं मानविकी अध्ययनशाला,
हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. कमलेश गोगिया की
पुस्तक ‘आई एम रवीना’ का विमोचन किया। छत्तीसगढ़ मितवा संकल्प समिति तथा
विद्या देवी चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में 9 अप्रैल 2024 को नई
दिल्ली के हिन्दी भवन में ट्रांसजेंडर के अधिकारों पर राष्ट्रीय स्तर पर
परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारतीय संस्कृति में बहुलैंगिक
अभिव्यक्ति को दर्शाने वाले देश के पहले वार्षिक कैलेंडर और ट्रांसजेंडर
व्यक्तियों के जीवन पर आधारित दो पुस्तक ‘आई एम रवीना’ व ‘मन पाखी तन कारा’
का विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह श्री सुरेश भैयाजी
जोशी सहित अन्य अतिथियों द्वारा किया गया। वरिष्ठ पत्रकार डॉ. कमलेश
गोगिया द्वारा लिखित पुस्तक ‘आई एम रवीना’ भारत सरकार के नेशनल काउंसिल फॉर
ट्रांसजेंडर की सदस्य और छत्तीसगढ़ मितवा संकल्प समिति की संस्थापक रवीना
बरिहा के जीवन संघर्ष और उनकी आध्यात्मिक यात्रा का जीवंत दस्तावेज है। इस
पुस्तक में रवीना के जीवन के संघर्षों और उनके आध्यात्मिक अनुभवों के अनेक
अनछुए पहलुओं को सहज और सरल शब्दों के साथ उद्घाटित किया गया है। यह पुस्तक
दो भागों में विभाजित है जिसके प्रथम भाग का प्रकाशन उपरांत विमोचन किया
गया। इस समारोह में डॉ. कमलेश गोगिया को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए
किये गये लेखन कार्य के लिए जय श्री महाकाल किन्नर आखाड़े की महामंडलेश्वर
शोभा ठाकुर और रवीना बरिहा द्वारा शाल प्रदान कर सम्मानित किया गया। समारोह
में एम्स नई दिल्ली के डायरेक्टर डॉ एम श्रीनिवास, सामाजिक न्याय और
अधिकारिता मंत्रालय की संयुक्त सचिव राधिका चक्रवर्ती, राष्ट्रीय स्वयंसवेक
संघ दिल्ली प्रांत के प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल, समाजसेवी और
उद्योगपति श्री रोहित वर्मा, श्री राकेश गुप्ता, दिल्ली विश्वविद्यालय के
प्राध्यापक प्रो. कृष्ण मुरारी, महामंडलेश्वर शोभा ठाकुर, राष्ट्रीय सेवा
भारती के महामंत्री श्री ऋषिपाल सिंह डडवाल, भारत सरकार के नेशनल काउंसिल
फॉर ट्रांसजेंडर की सदस्य विद्या राजपूत, रवीना बरिहा, मीरा परेडा, रेशमा
प्रसाद सहित अनेक गणान्य नागरिकगण और देश के विभिन्न राज्यों के
ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे। परिचर्चा में देश के
विभिन्न राज्यों से आए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों ने समुदाय के विभिन्न
मु्द्दों पर अपने–अपने विचार रखे तथा समस्याओं के संभावित समाधान भी सुझाए।
परिचर्चा में सम्मिलित अन्य बुद्धिजीवियों ने भी ट्रांसजेंडर समुदाय के
सशक्तिकरण को लेकर अपने विचार रखे। इसके पूर्व नेशनल काउंसिल फॉर
ट्रांसजेंडर की सदस्य रवीना बरिहा ने वैदिक युग से लेकर काल के विविध
आयामों में ट्रांसजेंडर के इतिहास तथा विविध संदर्भों और कानून पर विस्तार
से प्रकाश डाला। संगोष्ठी के अंत में ट्रांसजेंडरों द्वारा सांस्कृतिक
कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें उन्होंने नृत्य नाटिका के माध्यम से
ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को सुंदर ढंग से प्रस्तुत
किया। डॉ. कमलेश गोगिया की पुस्तक के विमोचन पर मैट्स विश्वविद्यालय परिवार
ने हर्ष व्यक्त कर शुभकामनाएँ दी हैं।
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