लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार के वित्तीय वर्ष 2024-2025 के बजट में किसान और ग्रामीण क्षेत्र के विकास को विशेष तवज्जो दी गयी है। वित्त मंत्री सुर...
लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार के वित्तीय वर्ष 2024-2025 के बजट में किसान और ग्रामीण क्षेत्र के विकास को विशेष तवज्जो दी गयी है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को बजट प्रस्ताव को सदन के पटल पर रखते हुये कहा कि उनकी सरकार की नीतियां विशेष रुप से युवा, महिला, किसान व गरीबों के उत्थान को समर्पित हैं। उन्होने कहा कि डार्क जोन में नये निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबन्ध को हटा लिया गया है जिससे लगभग एक लाख किसानों को सीधा फायदा हुआ है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एकल रबी फसल की सिंचाई के लिये सीजनल टैरिफ का लाभ एवं अस्थाई विद्युत संयोजन की सुविधा प्रदान की गयी। वर्ष 2023-2024 में अक्टूबर 2023 तक लगभग 37 लाख किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण कराया गया वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 2022-2023 के लगभग 10 लाख बीमित कृषकों को अक्टूबर 2023 तक 831 करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत दिसम्बर 2023 तक लगभग 63 हजार करोड़ रूपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से दो करोड़ 62 लाख कृषकों के खातों में हस्तान्तरित की गयी। प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना के अन्तर्गत प्रदेश के लघु एवं सीमांत कृषकों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पुरूष एवं महिला दोनों के लिए 3000 रूपये की सुनिश्चित मासिक पेंशन प्रदान की जा रही है। उन्होने कहा कि उनकी सरकार ने वर्ष 2017 से 29 जनवरी 2024 तक लगभग 48 लाख गन्ना किसानों को दो लाख 33 हजार 793 करोड़ रूपये से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया। यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान दो लाख एक हजार 519 करोड़ रूपये से भी 20 हजार 274 करोड़ रूपये अधिक है। श्री खन्ना ने कहा कि पेराई सत्र 2023-2024 के लिये गन्ने की अगैती प्रजाति का मूल्य 350 रूपये से बढ़ाकर 370 रूपये, सामान्य प्रजाति का 340 रूपये से बढ़ाकर 360 रूपये तथा अनुपयुक्त प्रजाति का मूल्य 335 रूपये से बढ़ाकर 355 रूपये प्रति कुन्तल हो गया है। सरकार द्वारा 31 सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण हुयीं जिससे 22 लाख 75 हजार हेक्टेयर से अधिक सिंचन क्षमता सृजित हुयी और इससे 46 लाख 69 हजार कृषक लाभान्वित हुये। उन्होने कहा कि विभिन्न जिलों में 6600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण तथा डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों का पुनर्निर्माण कार्य प्रगति पर। इन कार्यों से लगभग 1.33 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुर्नस्थापना होगी तथा लगभग 1.10 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होंगे। नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा के लिये 1100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। नदी में सुधार एवं कटाव निरोधक परियोजनाओं (नाबार्ड पोषित) के लिये 1530 करोड़ 60 लाख रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। श्री खन्ना ने कहा कि डार्क जोन में असफल 569 नलकूपों के लिये 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था है। मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिये 1020 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। निजी नलकूप उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति के लिये 1800 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है। कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना हेतु 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दोगुने से अधिक है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्ष 2016 में मात्र 1.40 लाख आवास स्वीकृत किये गये थे जबकि सरकार द्वारा अब तक 36 लाख 15 हजार आवास स्वीकृत किये गये हैं जिनमें से 34 लाख 14 हजार आवास पूर्ण है जबकि शेष निर्माणाधीन योजना के लिये वित्तीय वर्ष 2024-2025 में लगभग 2441 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक अद्यावधिक दो लाख 03 हजार आवासों का निर्माण पूर्ण हुआ। योजना के लिये 1140 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। उन्होने कहा कि विधान मण्डल क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में विकास कार्यों के लिए 2520 करोड़ (जीएसटी सहित) की व्यवस्था प्रस्तावित है। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के क्रियान्वयन के लिये लगभग 5060 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिये लगभग 3695 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिये 3668 करोड़ रूपये की योजना प्रस्तावित है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिये 4867 करोड़ 39 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है वहीं बहुउद्देशीय पंचायत भवनों के निर्माण के लिये लगभग 57 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। श्री खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश मातृ भूमि योजना के लिये 33 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रामीण स्टेडियम एवं ओपेन जिम के निर्माण हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में कृषि क्षेत्र की विकास दर 5.1 प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य है। कृषकों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति के लिये 2400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। पीएम कुसुम योजना के क्रियान्वयन के लिये 449 करोड़ 45 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में दोगुना से भी ज्यादा है। उन्होने कहा कि कृषि को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से तीन नई योजनाएं राज्य कृषि विकास योजना, विश्व बैंक सहायतित एग्रीज योजना शुरु की जा रही है तथा प्रदेश के विकास खण्डों एवं ग्राम पंचायतों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन-ऑटोमेटिक रेन गेज की स्थापना की गयी है जिनके लिये क्रमशः 200-200 करोड़ रूपये एवं 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके लिये मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना प्रारम्भ की जा रही है जिसके लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में औसत गन्ना उत्पादकता 72 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 84 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हुई। गन्ने के साथ सफसली खेती का आच्छादन बढ़ने से कृषकों को 25 प्रतिशत की अतिरिक्त आमदनी हुई। वर्तमान पेराई सत्र 2023-2024 में 29.66 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती तथा चीनी का उत्पादन 110 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है। किसान सहकारी चीनी मिल ननौता, जनपद सहारनपुर की कार्यक्षमता सुधार, सहकारी चीनी मिल लिमिटेड, गजरौला जनपद अमरोहा की पेराई क्षमता 2500 टी.सी.डी. से बढ़ाकर 4900 टी.सी.डी. करने तथा सल्फरलेस रिफाइन्ड शुगर का उत्पादन करते हुए 01 लाख लीटर प्रतिदिन एथेनॉल उत्पादन क्षमता की असवनी एवं कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। पिपराइच एवं मुण्डेरवा में स्थापित 5000 टी.सी.डी. क्षमता की नई चीनी मिलों में 27 मेगावाट के बिजली उत्पादन संयंत्र तथा सल्फरलेस शुगर प्लांट की स्थापना की गयी है। उन्होने बताया कि नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत कृषि महाविद्यालय गोण्डा का संचालन शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से करते हुए पठन-पाठन का कार्य शुरू किया गया है जबकि कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में विभिन्न नये कोर्सों के लिये 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर की स्थापना के लिये 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वित्त मंत्री ने कहा कि रबी विपणन वर्ष 2023-24 के लिये केंद्र सरकार द्वारा गेहूँ का न्यूनतम समर्थन 2125 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया। प्रदेश में 54 हजार 684 कृषकों से 2.20 लाख मीट्रिक टन गेहूँ क्रय करते हुए लगभग 466 करोड़ 35 लाख रूपये का सीधे भुगतान किया गया। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य कॉमन श्रेणी के लिये 2183 रूपये प्रति कुन्तल एवं ग्रेड- ए श्रेणी के लिये 2203 रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया। अद्यतन लगभग 7.50 लाख कृषकों से 50.18 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करते हुए 10,856 करोड़ रूपये किसानों को सीधे भुगतान किया गया। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में मक्का, बाजरा तथा ज्वार के लिये भी केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किये गये। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करते हुये किसानों के बैंक खातों में सीधे भुगतान किया गया।
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