शहडोल। एक दौर था जब पंकज उधास की गजलों का सिक्का पूरी दुनिया में चलता था। उनकी गायकी का जादू सिर चढ़कर बोलता था। देश विदेश में उनके शो की...
शहडोल। एक दौर था जब पंकज उधास की गजलों का सिक्का पूरी दुनिया में चलता था। उनकी गायकी का जादू सिर चढ़कर बोलता था। देश विदेश में उनके शो की धूम रहती थी। 26 फरवरी को गजल की दुनिया के बेताज बादशाह पंकज उधास ने दुनिया को अलविदा कह दिया। इनके साथ शहडोल के युवा सिंगर राजा सिंह ने कई कार्यक्रमों में मंच साझा किया है। राजा सिंह बताते हैं कि चार साल पहले जब दिल्ली में श्री फाेर्ट आडीटोरियम में पंकज उधास से मिला था तो उनकी सौम्य शांत छवि मेरे दिल में बस गई। राजा बताते हैं कि वह जब भी अपना कार्यक्रम देने जाते थे तो एकदम शांत रहते थे। जब उनसे शांत रहने का राज पूछा तो उन्होंने बताया था कि जब भी कार्यक्रम देने जाओ तो अपनी एनर्जी को यहां वहां की बातों में खर्च नहीं करना चाहिए। राजा का कहना है कि उनकी यह सीख मैंने हमेशा के लिए गांठ बांध ली है। राजा सिंह बताते हैं कि मैंने उनको कई बार सामने बैठकर और मंच पर साथ बैठकर सुना है वह एक उम्दा और बहुत सुरीले इंसान थे जो अब हमारे बीच नहीं रहे।
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