रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल ने कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ के रूप में सोमवार को कार्यभार ग्रहण ...
रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल ने कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ के रूप में सोमवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया। आर्मी हॉस्पिटल, दिल्ली के पूर्व निदेशक और कमांडेंट रहे जिंदल ने चिकित्सकों और अधिकारियों के साथ बैठक में रोगियों को अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए हरसंभव प्रयास करने को कहा। लेफ्टिनेंट जनरल जिंदल ने आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कालेज, पुणे से ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने एएफएमसी पुणे से ही कम्युनिटी मेडिसिन में एमडी और इंडस्ट्रियल हैल्थ में डिप्लोमा किया। उन्होंने जेएनयू से पीएचडी किया है। जिंदल प्रथम चिकित्सक हैं जिन्हें 1987 में सियाचिन में 19000 फुट की ऊंचाई पर पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले में घायल सैनिकों को विशिष्ट चिकित्सा सेवा प्रबंधन के लिए राष्ट्रपति की ओर से 'युद्ध सेवा मेडल' प्रदान किया गया। उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल बीडी वर्मा सिल्वर मेडल, बेस्ट पेपर के लिए आर्मी कमांडर्स अवार्ड और सरोज झा अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उनके 30 से अधिक रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं। उन्हें यूनीसेफ द्वारा महाराष्ट्र में एचआईवी/एड्स पर बनाई गई टास्क फोर्स का सदस्य भी नामित किया गया है। जिंदल डब्ल्यूएचओ फैलोशिप के एंटोमालॉजी, रिसर्च मैथ्डोलॉजी और एपिडिमियोलॉजी के शिक्षक भी हैं। वह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रकाशित 'स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइंडलाइंस-मेडिकल मैनेजमेंट एंड कॉस्टिंग ऑफ सलेक्ट कंडीशन्स' के संपादक हैं। इसके साथ ही 'मैन्युअल ऑफ हैल्थ ऑफ द आर्म्ड फोर्सेज' के संपादक भी हैं। 39 वर्ष के भारतीय सेना में करियर के दौरान उन्होंने एएफएमसी, पुणे और आर्मी कालेज ऑफ मेडिकल साइंसेंज, दिल्ली में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया है। उन्होंने कंबोडिया में यूएन के अंतर्गत भी सेवाएं प्रदान की। उन्हें 2022 में कश्मीर और लद्दाख में कोविड-19 के दौरान चिकित्सा संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए 'अति विशिष्ट सेवा मेडल' भी प्रदान किया गया।
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