रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना का प्रदेश में बुरा हाल है। सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषध...
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना का प्रदेश में बुरा हाल है। सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना का समुचित लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि प्रदेश में 179 दुकानें हैं, लेकिन इनमें से केवल 67 ही संचालित हैं। 23 दुकानें बंद हो चुकी हैं, जबकि 89 निष्क्रिय हैं। जिन जिलों में दुकानें संचालित हैं, उनमें भी 1,300 की जगह मात्र 200 से 300 तरह की ही दवाएं उपलब्ध है। 90 प्रतिशत सस्ती दवा मिलने की उम्मीद में कैंसर, आंख, ब्रेन व अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीज दुकानों से लौटने को विवश हैं। वर्ष-2015 में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना की शुरुआत की गई थी। इसका उद्देश्य लोगों पर दवा के खर्च को कम करना तथा बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की थी। ये दोनों ही उद्देश्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं। परियोजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में 249 प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र स्वीकृत हैं। इन दुकानों को प्रदेश के सभी जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में संचालित किया जाना है। प्रदेश में 26 जिला अस्पताल, 157 सामुदायिक और 768 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। प्रदेश में वर्ष-2016 में 120 दुकानें खोलकर योजना की शुरुआत की गई थी। दुकानों की संख्या बढ़कर 179 हुई, लेकिन शासन-प्रशासन की अनदेखी की वजह से एक-दो साल बाद ही बंद होना शुरू हो गई।
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