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नेशनल हाइवे-930 पर नागिन की तरह डांस कर रही गाड़ियां

  बालोद।  छत्‍तीसगढ़ के बालोद जिले में निर्माणाधीन नेशनल हाइवे-930 सड़क जो कि ग्राम झलमला से लेकर बालोद जिला मुख्यालय होते हुए शेरपार तक बनाई...

 

बालोद।  छत्‍तीसगढ़ के बालोद जिले में निर्माणाधीन नेशनल हाइवे-930 सड़क जो कि ग्राम झलमला से लेकर बालोद जिला मुख्यालय होते हुए शेरपार तक बनाई जा रही है, जो कि एक विवादित सड़क बन चुकी है। सड़क के निर्माण से ही यह सड़क विवादों में घिरी हुई है। सड़क निर्माण की गुणवत्ता और कछुआ गति से जारी निर्माण कार्य ने इसकी सारी पोल खोल कर रख दी है। अभी मौसम के बदले इस मिजाज ने तो इस सड़क और राहगीरों का चलना मुश्किल कर दिया है। दरअसल, बीते 3 दिनों से मौसम के बदले मिजाज और हो रही बारिश से निर्माणाधीन सड़क में दलदल की स्थिति निर्मित हो गई है। बालोद जिला मुख्यालय से दल्लीराजहरा मार्ग में खरखरा नहर नाली के पास पुल का निर्माण कार्य जारी है। जहां पास डायवर्ट की गई सड़क से वाहन व राहगीर आना-जाना कर रहे हैं। बारिश की वजह से यहां दलदल और कीचड़ भर गया है, क्‍योंकि सड़क निर्माण में चिकनी मिट्टी का उपयोग किया गया है। जो कि बारिश के बाद यहां दलदल की स्थिति बन गई हैं। आने जाने वाले दुपहिया और चार पहिया को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि इस दलदल और कीचड़युक्त सड़क पर वाहनों के पहिये इधर-उधर बहक रहे हैं। दुपहिया और चार पहिया वाहन चालकों का उनकी गाड़ियों पर से कंट्रोल हट रहा है। दलदल एवं कीचड़युक्त सड़क पर वाहनों के पहिये नागिन की तरह डांस करते नजर आ रहे हैं। कई दुपहिया वाहन पैदल रेंगते हुए अपनी गाड़ियों को पार कर रहे हैं तो कई अनियंत्रित होकर नीचे गिर रहे हैं। तो कई सड़क की दुर्दशा देख वापस अपने घर को लौट रहे हैं। आने जाने वाले वाहनों और राहगीरों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। बड़ी बात यह है कि आमजनों को हो रही इस परेशानी को देखने सुनने वाला कोई नहीं है। जिम्मेदार अधिकारी भी आंखों पर पट्टी और कानों में रुई डाल सोए बैठे हैं। उल्लेखनीय हो कि यह सड़क शुरू से ही विवादों में आ घिरी है। इसकी गुणवत्ता को लेकर भी कई सवाल उठे है। चैंबर आफ कामर्स, सांसद मोहन मंडावी, कई भाजपा नेताओं ने सड़क की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने शासन-प्रशासन सहित केंद्रीय मंत्रियों तक पत्र व्यवहार किया है। लेकिन मामले में आज तलक कोई गंभीरता जिम्मेदार अधिकारियों ने नहीं दिखाई। जिसका परिणाम आज आमजनों को भुगतना पड़ रहा हैं। बता दें कि संबंधित सड़क निर्माण ठेकेदार की समयावधि भी खत्म हो चुकी है। विभाग द्वारा टाइम एसटेंशन की अनुमति लेकर कार्य किया जा रहा है। लेकिन आज तलक गुणवत्ता को लेकर सुधार नही किया गया।

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