नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में मशहूर है कि वह अपना वादा और दोस्ती दिलो-जान से निभाते हैं। इसका एक ज्वलंत उदाहरण शुक्रव...
नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में मशहूर है कि वह अपना वादा और दोस्ती दिलो-जान से निभाते हैं। इसका एक ज्वलंत उदाहरण शुक्रवार रात का है जब प्रधानमंत्री लब्ध प्रतिष्ठित पत्रकार लव कुमार मिश्रा से करीब 40 वर्ष पुरानी दोस्ती को याद करके उनसे पटना में फोन पर बात की और दशकों पुरानी यादों की गहराई में उतरे। श्री मिश्रा के सुपुत्र अभिनंदन मिश्रा (डिप्टी एडिटर, दैनिक भास्कर, नयी दिल्ली) से कल मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री को 80 के दशक में ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में विशेष संवाददाता रहे श्री लव कुमार मिश्रा के बारे में पता चला और वह अपने दोस्त को याद करके भावुक हो गये। श्री माेदी ने बड़े प्रेम से अपने पुराने दोस्त का मोबाइल नंबर लिया। ‘कृष्ण’ बने श्री मोदी ने अपने ‘सुदामा’ को तहे दिल से याद करते हुए कल रात नौ बजकर 45 मिनट पर उनसे फोन पर बातचीत की। श्री लव कुमार मिश्रा शनिवार को ‘यूनीवार्ता’ के साथ विशेष बातचीत में प्रधानमंत्री के साथ हुयी बातचीत साझा करते हुए बेहद भावुक हो गये और कहा,“ मैं तो यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि मेरे परम सहृ़द मित्र नरेन्द्र भाई मोदी मुझ ‘दीनहीन सुदामा’ से कृष्ण की तरह यूं दिल खोलकर कर मिलेंगे और मेरे दिल की गहराइयों में उतर जायेंगे।” श्री लव कुमार मिश्रा ने कहा, “श्री मोदी ने खिलखलाती हंसी में कहा,“मेरे लिए आज सूरज पश्चिम में उगा है। ‘अभी’(अभिनंदन) भी बहुत अच्छा लगा। मैंने ‘अभी” को बताया कि मैं लव कुमार को अच्छी तरह जानता हूं और मैंने उसको अपने श्रीनगर, अहमदाबाद और पटना के दिनों के बारे में चर्चा भी की। अब आपका नंबर मिल गया है। पुरानी यादें साझा करूंगा और अगली बार पटना आऊंगा तो आपसे जरुर मिलूंगा।” प्रधानमंत्री ने श्री लव कुमार मिश्रा से बातचीत के दौरान अहमदाबाद, श्रीनगर और पटना में बिताये दिनों की चर्चा की और अपने अनुभव साझा करते हुए अतीत में जैसे खो-से गये। प्रधानमंत्री के भावुक दिल की गहराई को इस बात से समझा जा सकता है कि अक्टूबर 2013 में पटना के गांधी मैदान में उनकी ‘हूंकार रैली’ में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों में मारे गये लोगों के परिजनों के बारे में आज भी चिंतित हैं। श्री मोदी ने कहा कि वह 30 अक्टूबर 2013 को विस्फोट में मारे गये एक नौजवान के घर सुबह गये थे जो पटना के एक गांव में रहता था। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से नौजवान का स्वर्गवास हो गया था।”श्री लव कुमार मिश्रा जब गुजरात में पदस्थ थे तब श्री मादी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक थे। नब्बे के दशक में जब श्री मोदी भारतीय जनता पार्टी के महासचिव थे तब श्री लव कुमार मिश्रा कश्मीर में कार्यरत थे। दोनों की मुलाकात एकबार फिर वर्ष 1998 में भोपाल में हुयी जब श्री मोदी पार्टी के महासचिव थे और पत्रकार टाइम्स ऑफ इंडिया में विशेष संवाददाता थे। बीस मार्च 2000 में अनंतनाग जिले के छत्तीसिंहपुरा में आतंकवादियों ने 35 सिखों को मार दिया था। श्री मोदी और श्री मिश्रा दोनों की दोस्ती वहीं पर गहरी हुयी थी। दोनों की आखिरी मुलाकात वर्ष 2013 में हुयी थी। इस दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मोदी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री के उम्मीदवार थे। श्री लव कुमार मिश्रा ने कहा,“ प्रधानमंत्री ने ऐसे बातें की जैसे दो खाये हुए दोस्त लंबे समय के बाद मिले हों, और यह क्षण मेरे एक अमूल्य उपहार बन गया।” ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ से अवकाश प्राप्त करने के बाद श्री मिश्रा वर्तमान में पटना के कंकड़बाग स्थित अपने बंगले में रहते हैं। वह एक सधे हुए राजनीतिक विश्लेषक हैं। टेलीविजन चैनल उन्हें समय -समय पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए आमंत्रित करते हैं। वह फिलहाल फ्रीलांसिंग कर रहे हैं और विभिन्न मुद्दों पर लगातार लिखते हैं।
No comments