रायपुर। अगर आपने 31 जुलाई या उसके पहले रिटर्न फाइल कर दिया है और अभी तक आपका रिफंड नहीं आया है तो इसके पीछे के कारणों को जानना बहुत जरूरी ह...
रायपुर। अगर आपने 31 जुलाई या उसके पहले रिटर्न फाइल कर दिया है और अभी तक आपका रिफंड नहीं आया है तो इसके पीछे के कारणों को जानना बहुत जरूरी है। हो सकता है कि रिटर्न फाइल करते समय आपसे कुछ गलती हो गई हो, इसके चलते ही रिटर्न प्रोसेस करने में समय लग रहा है। कर विशेषज्ञों के अनुसार रिटर्न फाइल करने और रिफंड प्राप्त करने के लिए सबसे जरूरी है कि अपने बैंक अकाउंट को प्री-वेलिडेट करना। मालूम हो कि आयकर विभाग ने आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए 31 जुलाई तक का समय तय किया था। आपको रिफंड मिलेगा या नहीं, इसे आयकर विभाग तय करता है। अगर आयकर विभाग की ओर से रिफंड की पुष्टि की गई है तो इसका मतलब है कि आपको रिफंड मिलेगा, जिसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। अगर आप योग्य नहीं हैं तो रिफंड नहीं मिलेगा। आपके द्वारा भरे गए रिटर्न को आयकर विभाग ने प्रोसेस्ड किया है या नहीं, इसकी जांच कर लेनी चाहिए। रिटर्न का प्रोसेस होने के बाद ही आपको रिफंड मिलेगा। आयकर विभाग की वेबसाइट में स्टेटस आप देख सकते हैं। आपको रिफंड मिलने में देरी के पीछे एक कारण यह भी है कि आपके रिटर्न का ई-वेरिफिकेशन नहीं हुआ है। जब भी आप आयकर रिटर्न पाइल करते हैं तो फाइलिंग के 30 दिन के अंदर ई-वेरिफिकेशन करना जरूरी होता है। रिटर्न फाइल करने और रिफंड प्राप्त करने के लिए सबसे जरूरी है आपके बैंक अकाउंट का प्री-वेलिडेट होना। आयकर विभाग द्वारा भी यह सलाह दी जाती है कि आपका बैंक खाता वेलिडेट नहीं है तो रिफंड प्राप्त करने में परेशानी आएगी। बैंक खाते और पैनकार्ड में आपका नाम एक जैसा ही लिखा होना चाहिए। आपका बकाया बचा हुआ है तो रिफंड मिलने में देरी हो सकती है। आपका पिछला कोई बकाया है तो रिफंड को उसमें समायोजित यानी एडजस्टकर दिया जाता है। 120 दिनों के अंदर आपका रिफंड आ जाता है।
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