इंदौर। विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ता जा रहा है। शह और मात के इस खेल के खिलाड़ियों ने अपने प्रतिद...
इंदौर। विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ता जा रहा है। शह और मात के इस खेल के खिलाड़ियों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों की घेराबंदी तेज कर दी है। 66 विधानसभा सीटों वाले मालवा-निमाड़ अंचल में कांग्रेस प्रदेश सरकार के दस मंत्रियों की घेराबंदी के लिए उनके विधानसभा क्षेत्रों में एक के बाद एक बड़े आयोजन, सम्मेलन और सभाएं आयोजित कर रही है। उद्देश्य एक ही है मंत्रियों को अपने गढ़ में ही उलझाए रखना ताकि वे अपने प्रभार वाले जिलों सहित आसपास के क्षेत्र में सक्रिय रहने के बजाय अपने क्षेत्र में ही उलझकर रह जाएं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक कहे जाने वाले मंत्रियों की सबसे तगड़ी घेराबंदी की जा रही है। दरअसल, 2020 में इन्हीं की वजह से सत्ता गंवाने का दर्द कांग्रेसी अब तक नहीं भूले हैं। राज्य में मालवा-निमाड़ क्षेत्र से दस मंत्री हैं। इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी कहे जाने वाले मंत्री सांवेर से तुलसी सिलावट, बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और सुवासरा से हरदीप सिंह डंग के क्षेत्रों में कांग्रेस के बड़े पदाधिकारी सक्रिय हैं। सांवेर क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनके विधायक पुत्र जयवर्धन सिंह के साथ ही प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी आयोजन कर रहे हैं। कभी प्रदर्शन तो कभी कथाओं के बहाने कांग्रेस नेता यहां सक्रिय हैं। इसी तरह राजवर्धन सिंह के विधानसभा क्षेत्र बदनावर और हरदीप सिंह डंग के सुवासरा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के कई कार्यकर्ता सम्मेलन और सभाएं हो चुकी हैं।
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