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ब्याज की राशि 90 प्रतिशत और दंड की राशि 100 प्रतिशत तक माफ की जाएगी

    रायपुर । वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग ने वैट, वाणिज्यिक अधिनियम के तहत प्रांतीय, केंद्रीय प्रवेशकर, वृत्तिकर एवं विलासिता कर की पुरानी...

 

 रायपुर । वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग ने वैट, वाणिज्यिक अधिनियम के तहत प्रांतीय, केंद्रीय प्रवेशकर, वृत्तिकर एवं विलासिता कर की पुरानी बकाया राशि की वसूली के लिए एकमुश्त निपटान अधिनियम लागू किया गया है। इसके अंतर्गत जिन बकाया प्रकरणों में विधानवार एक वर्ष में बकाया की राशि 50 लाख रुपये से अधिक है, उसमें कर राशि में 40 प्रतिशत की राशि माफ की जाएगी। प्रदेश में पुराने बकायादार 70 हजार से अधिक व्यवसायी इसका लाभ ले सकते हैं। उप मुख्यमंत्री एवं वाणिज्यिक कर मंत्री टीएस सिंहदेव के निर्देश पर विभाग ने इस योजना को अधिसूचित कर दिया है। एकमुश्त निपटान के तहत कर, ब्याज और शास्ति की बकाया की वसूली की जाएगी। इसके लिए व्यवसायियों को वाणिज्यिक कर वृत्त कार्यालयों में निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा। निपटान अधिनियम के तहत आगामी 31 जनवरी 2024 तक आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है। एकमुश्त निपटान अधिनियम की खास बात यह है कि 31 जनवरी 2024 तक जिन प्रकरणों पर कर निर्धारण, रिवीजन, प्रथम या द्वितीय अपील, शासन के समक्ष अपील, उच्च न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय में लंबित प्रकरणों में भी इसका विस्तार किया गया है। वर्ष 2010 में बकाया वसूली के लिए लाए गए सरल समाधान योजना में भाग लेने वाले व्यवसायी भी इस निपटान अधिनियम में शामिल हो सकते हैं। ब्याज की राशि 90 प्रतिशत और दंड की राशि 100 प्रतिशत तक माफ की जाएगी। पचास लाख रुपये से कम बकाया के प्रकरणों में बकाया राशि का 60 प्रतिशत, ब्याज की राशि 90 प्रतिशत और दंड की राशि 100 प्रतिशत माफ की जाएगी। व्यवसायियों की सुविधा के लिए नियम वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है।

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