बिलासपुर । सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल बीएड प्रशिक्षार्थियों के लिए मंगलवार का दिन शुभ रहा। सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अवकाश या...
बिलासपुर । सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल बीएड प्रशिक्षार्थियों के लिए मंगलवार का दिन शुभ रहा। सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अवकाश याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। जस्टिस एएस. बोपन्ना व जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्र की डिवीजन बेंच ने हाई कोर्ट के निर्णय पर रोक लगाने के साथ ही बीएड प्रशिक्षार्थियों को सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लिए पात्र मानते हुए राज्य शासन को प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश जारी किए हैं। हरिशंकर व अन्य ने अपने वकील के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। दायर विशेष अवकाश याचिका में याचिकाकर्ताओं ने कहा कि बीएड प्रशिक्षार्थियों को सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने और चयन का अधिकार है। पात्रता के आधार पर चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाना है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बीएड प्रशिक्षार्थियों को बाहर कर दिया है। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच में हुई। डिवीजन बेंच ने कहा कि एसएलपी दाखिल करने की अनुमति दी गई है। भर्ती प्रक्रिया जो शासन द्वारा की जा रही है हाई कोर्ट के निर्देश पर बाधित हो गई है। एसएलपी की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ताओं को छूट देते हुए कहा कि याचिकाओं के लंबित होने के बावजूद याचिकाकर्ता रिट याचिका में हाई कोर्ट के समक्ष खुद को भी शामिल कर सकते हैं और यदि हाई कोर्ट पक्षों को सुनना उचित समझता है और रिट याचिका पर अपनी योग्यता के आधार पर और उसके अनुसार विचार कर सकता है। कानून के अनुसार हाई कोर्ट को मामले में गुण-दोष के आधार पर आगे बढ़ने में कोई बाधा नहीं होगी क्योंकि ये याचिकाएं अंतरिम आदेश के पहलु तक सीमित हैं। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने बीएड प्रशिक्षार्थियों को सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा से अलग रखने की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं ने यह मुद्दा उठाया था कि प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों को अध्ययन-अध्यापन के लिए डीएड प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षित किया जाता था। उच्च कक्षाओं के लिए बीएड प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। लिहाजा बीएड प्रशिक्षार्थी को सहायक शिक्षक के पद पर भर्ती करने से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने बीएड प्रशिक्षार्थियों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।
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