रायपुर। राजधानी रायपुर में पशु क्रूरता का मामला सामने आया है। जहां कुछ लड़कों ने एक कुत्ते को बेरहमी से लाठी-डंडों से इतना पीटा और जब ...
रायपुर। राजधानी रायपुर में पशु क्रूरता का मामला सामने आया है। जहां कुछ लड़कों ने एक कुत्ते को बेरहमी से लाठी-डंडों से इतना पीटा और जब तक वह मर नहीं गया। इस घटना का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह पूरा मामला गुढियारी के पहाड़ी चौक हनुमान मंदिर के पास का बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार यहां सोमवार रात को कुछ लड़कों ने बेजुबान जानवर के साथ अमानवीय हरकत की। लड़कों ने एक कुत्ते को बेरहमी से लाठी-डंडों से पीटा। लड़के कुत्ते को तब तक पीटते रहे जब तक वह मर नहीं गया। इसके बाद भी इन लोगों का मन नहीं भरा, तो इन लड़कों ने एक रस्सी कुत्ते के गले में बांध दिया और फिर इस कुत्ते को लेकर सड़कों पर घसीटते रहे। खास बात यह रही कि जहां यह घटना घटी उस जगह से गुढ़ियारी थाना से कुछ ही दूरी पर था। इस घटना के दौरान दो पुलिसकर्मी भी दो पहिया वाहन से उधर से गुजरे, लेकिन उन्होंने भी इन लोगों को रोकने की कोशिश नहीं की। थाने के पास घटनास्थल पर काफी देर तक दहशत का माहौल रहा। हालांकि गुढियारी थाने के पुलिस ने इस मामले में लिप्त लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की बात कही है। देश में पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए साल 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया था। भारतीय दंड संहिता 428 और 429 के मुताबिक किसी पशुओं को जबरदस्ती मारना, अपंग करना या बेवजह दंड देने पर कानून के खिलाफ होगा। इसे अपराध के रूप में जाना जाएगा। इस अधिनियम का उद्देश्य पशुओं को अनावश्यक सजा या जानवरों के उत्पीड़न की प्रवृत्ति को रोकना है। इस एक्ट में कई तरह के प्रावधान शामिल है। अगर कोई पशु मालिक अपने पालतू जानवर को आवारा छोड़ देता है, या उसका इलाज नहीं कराता, भूखा-प्यासा रखता है तो ऐसा व्यक्ति पशु क्रूरता का अपराधी होगा। अगर कोई किसी पशु को मनोरंजन के लिए अपने पास रखता है और उसके साथ क्रूरता का व्यवहार करता है तो वह भी अपराध है।
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