इंदौर। तिलक नगर थाना में हुई बर्बरता में पुलिस ने दोषी एसआइ और सिपाही को बचा लिया। स्वजन ने आरोपितों के खिलाफ नामजद एफआइआर दर्ज करने की मां...
इंदौर। तिलक नगर थाना में हुई बर्बरता में पुलिस ने दोषी एसआइ और सिपाही को बचा लिया। स्वजन ने आरोपितों के खिलाफ नामजद एफआइआर दर्ज करने की मांग की है। अफसरों ने खुद महिला के बयान लिए लेकिन एफआइआर में सिपाही कुलदीप का नाम लिखा। महावीर नगर निवासी रचना शर्मा को तिलक नगर थाना में एसआइ सुरेंद्रसिंह, सिपाही अर्पिता और कुलदीप ने पीटा था। मामले में मंगलवार रात पुलिस ने कुलदीप के खिलाफ एफआइआर लिखी। आरोप है कि मारपीट में सुरेंद्र और अर्पिता भी शामिल था। पुलिस ने जो एफआइआर लिखी उसमें दो नाम नहीं है। रचना ने अफसरों को बताया कि एसआइ सुरेंद्र ही केस की जांच कर रहे थे। सुरेंद्र ने तीन बार पूछताछ के लिए बुलाया था। रविवार को भी उसने बुलाया और 12 बजे से लेकर 3 बजे तक पूछताछ की। इसके बाद सिपाही उसे प्रथम मंजिल पर बने रुम मे ले गए. यहां उसके साथ बेरहमी से पिटाई की गई। जिस वक्त पिटाई हुई बहन, जीजा, चाचा आदि थाना परिसर में मौजूद थे। रचना की चीखने की आवाज सुनकर मदद करने दौड़े लेकिन पुलिसवालों ने रोक दिया। मामले की सोमवार को अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मनीष कपूरिया को शिकायत की तो मंगलवार को एफआइआर दर्ज हुई। रचना का मेडिकल चेकअप करवाया गया है। उसके हाथ, जांघ और कंधे के पास चोट लगी है। रचना के चाचा श्रीकांत द्विवेदी धार के साहित्यकार हैं। उन्होंने प्रशासनिक अफसरों से संपर्क कर कार्रवाई की मांग की है। श्रीकांत ने कहा कि मामले में मुख्य आरोपित सुरेंद्रसिंह व अर्पिता है। अफसरों को उनके खिलाफ भी कार्रवाही करना चाहिए है।
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