नई दिल्ली। बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर कार्रवाई की मांग कर रहे पहलवानों ने कई दिनों से झंडा बुलंद किया हुआ है। बीते दिनों नाबालिग...
नई दिल्ली। बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर कार्रवाई की मांग कर रहे पहलवानों ने कई दिनों से झंडा बुलंद किया हुआ है। बीते दिनों नाबालिग पहलवान के पिता ने अपने बयान से पलटते हुए बृजभूषण के ऊपर लगे अपने आरोप वापस लेने का दावा किया। नाबालिग के पिता का कहना था कि उनकी बेटी ने गुस्से में आकर बृजभूषण के ऊपर आरोप लगाए थे। नाबालिग के पिता से जब यह सवाल किया गया कि क्या उन्होंने किसी के दबाव में आकर अपने बयान को बदला है? इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए उन्हें किसी ने मजबूर नहीं किया। उधर पहलवान साक्षी मलिक ने आरोप लगाया कि नाबालिग को अपना बयान बदलने के लिए परिवार को धमकियां मिली थीं। साक्षी मलिक के इस दावे का विरोध करते हुए कि नाबालिग पहलवान के पिता ने दृढ़ता से कहा कि उनके परिवार को कोई धमकी नहीं मिली है। नाबालिग पहलवान के पिता ने कहा, "हमें जो करना चाहिए था, हमने कर दिया है। हमारे परिवार को धमकियों के ऐसे दावों में कोई सच्चाई नहीं है।" साक्षी मलिक ने पहले खुलासा किया कि नाबालिग पहलवान ने दो बार बयान दिए थे- पहले पुलिस को भारतीय दंड संहिता की धारा 161 के तहत, और बाद में, धारा 164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने। हालांकि, मलिक के मुताबिक, नाबालिग पहलवान ने अपने परिवार को कथित धमकियों के कारण अपने बयान में बदलाव किया। मलिक की टिप्पणी दिल्ली पुलिस की उस सिफारिश के बाद आई है, जिसमें नाबालिग पहलवान की तरफ से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दायर की गई शिकायत को सबूतों के अभाव में खारिज करने की सिफारिश की गई थी। डब्ल्यूएफआई प्रमुख के मामले में रद्द करने की रिपोर्ट पर दिल्ली की एक अदालत चार जुलाई को विचार करेगी। उधर साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पुनिया सहित भारत के प्रमुख पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर सात पहलवानों के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की है, जिनमें से एक नाबालिग है। डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में सरकार से आश्वासन मिलने के बाद पहलवानों ने अपना विरोध प्रदर्शन स्थगित कर दिया था।
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