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नक्‍सलियों ने की उपसरपंच व शिक्षादूत की हत्‍या

  सुकमा। छत्‍तीसगढ़ के नक्‍सल प्रभावित सुकमा जिले के ताड़मेटला गांव के उपसरपंच माड़वी गंगा व शिक्षादूत सुक्का कवासी की हत्‍या के बाद नक्‍सलियो...

 

सुकमा। छत्‍तीसगढ़ के नक्‍सल प्रभावित सुकमा जिले के ताड़मेटला गांव के उपसरपंच माड़वी गंगा व शिक्षादूत सुक्का कवासी की हत्‍या के बाद नक्‍सलियों ने अगवा ग्रामीणों को रिहा कर दिया है। खबरों के अनुसार दो ग्रामीण अब भी नक्सलियों के कब्जे में हैं। रिहा किए गए ग्रामीण उपसरपंच और शिक्षादूत के शव को लेकर ताड़मेटला पहुंचे। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस गांव में पहुंची। पुलिस रिहा किए गए ग्रामीणों से पूछताछ कर रही है। इधर, आदिवासी समाज प्रमुख चिंतागुफा पहुंचे, यहां वे अगवा ग्रामीणों के घरवालों से चर्चा करेंगे। बतादें कि सुकमा जिले के घोर नक्सल प्रभावित ग्राम ताड़मेटला में नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर उपसरपंच व शिक्षादूत की हत्या कर दी। पांच स्कूली बच्चों एवं उपसरपंच माड़वी गंगा के साथ शिक्षादूत सुक्का कवासी सहित 15 ग्रामीणों का अपहरण कर लिया था। नक्सलियों द्वारा किए गए इस कृत्य का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है तथा प्रशासन को सही सूचना भी नहीं मिल पा रही है। स्वजन और ग्रामीणों सहित सर्व आदिवासी एवं कोया समाज के प्रमुखों ने नक्सलियों से सभी को सकुशल रिहा करने की अपील की है। यह सूचना भी आ रही है कि नक्सलियों ने कुछ लोगों को छोड़ दिया गया है। बीहड़ क्षेत्र होने के कारण पुलिस भी पुष्टि नहीं कर पा रही है।  बता दें कि ताड़मेटला वही स्थान है, जहां वर्ष 2010 में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान बलिदान हो गए थे। बताया जा रहा है कि सभी अपहृत लोगों को नक्सलियों ने बुधवार को एक जन अदालत में भी पेश किया। जहां पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर उपसरपंच और शिक्षादूत की हत्या कर दी। नक्सलियों का एक पर्चा भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। कोया समाज के जिला अध्यक्ष वेको हुंगा ने बताया कि ग्रामीणों से अपहरण की जानकारी मिलने के बाद उन्हें रिहा कराने के लिए सभी स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। सरकारी सूचना तंत्र से जुड़े सूत्रों के अनुसार पांच स्कूली बच्चों के अपहरण की सूचना ने मामले को संवेदशील बना दिया है। हाल के दिनों में नक्सलियों के खिलाफ हुई कार्रवाई से नक्सली बौखलाए हुए हैं।



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