कीव । यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग को डेढ़ साल बीत गया है, लेकिन दोनों देश युद्ध पर अडिग हैं। इस बीच यूक्रेन ने बड़ा आरोप लगाते हुए ...
कीव
। यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग को डेढ़ साल बीत गया है, लेकिन दोनों
देश युद्ध पर अडिग हैं। इस बीच यूक्रेन ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि
रूस ने उसके यहां बने काखोवका बांध पर हमला कर दिया है। इस हमले में बांध
टूट गया है और बड़ी तबाही आ सकती है। यूक्रेन का कहना है कि इस तबाही के
चलते हजारों को लोगों को विस्थापित होना पड़ेगा और कई इलाके डूब सकते हैं।
यूक्रेन का कहना है कि इस बाढ़ के चलते न्यूक्लियर पावर प्लांट को भी
नुकसान पहुंचेगा। यूक्रेन के गृह मंत्री ने मंगलवार को सुबह बताया कि देश
के दक्षिणी हिस्से में निएपर नदी पर बने काखोवका डैम पर अटैक किया गया है।
यूक्रेनी मंत्री ने कहा कि इस हमले के चलते बांध टूट गया है और आसपास के
इलाकों में पानी भऱना शुरू हो गया है। गृह मंत्रालय की ओर से करीब 10
गांवों के लोगों से कहा गया है कि वे निकल जाएं। इसके अलावा पास के खेरसोन
शहर में भी बड़ी संख्या में लोगों को घर से भागना होगा। इससे पहले यूक्रेन
सरकार ने कहा था कि यदि डैम टूटता है तो फिर 18 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी
निकलेगा। इससे खेरसोन समेत आसपास के कई इलाकों में पानी भर जाएगा। यह एक
बड़ी तबाही होगी और हजारों लोगों को घर छोड़ना होगा। एक्सपर्ट्स के हवाले
से यूक्रेन ने कहा कि बांध का टूटना उसके लिए परमाणु हमले जैसा ही होगा।
फिलहाल राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को एक मीटिंग बुलाई,
जिसमें हालात का जायजा लिया गया है। इससे पहले भी यूक्रेन और रूस एक-दूसरे
के बांधों पर हमले का आरोप लगाते रहे हैं। बीते साल अक्टूबर में भी
जेलेंस्की ने कहा था कि रूस उनके बांध पर अटैक कर सकता है ताकि बाढ़ लाई जा
सके। इस बांध पर रूस की सेना ने कब्जा कर लिया था और उसका कहना है कि यह
हमला हमने नहीं किया है। रूस ने कहा कि बांध पर यह अटैक तो यूक्रेन की सेना
ने ही किया है।
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