देहरादून । उत्तराखंड में बारिश की वजह से लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गईं हैं। मानसून में बारिश की वजह से कई जिलों में सड़कें बंद हो गईं हैं...
देहरादून । उत्तराखंड में बारिश की वजह से लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गईं हैं। मानसून में बारिश की वजह से कई जिलों में सड़कें बंद हो गईं हैं। सड़कें बंद होने की वजह से जगह-जगह यात्री फंस गए हैंं। उत्तराखंड में बारिश की वजह से 59 सड़कें बंद चल रही हैं। लोक निर्माण विभाग के अनुसार, इनमें से 31 सड़कें पीएमजीएसवाई की हैं। बारिश की वजह से बंद सड़कों में से 28 सड़कें लोनिवि के अधीन हैं। लोनिवि के मुख्य अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि सड़कों को खोलने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया, 78 सड़कें पहले से बंद थी, 45 मंगलवार को बंद हुईं। मंगलवार को 64 सड़कें खोली गईं, 59 को खोलने का काम जारी है। नई टिहरी शहर की अधिकतर आंतरिक सड़कों की स्थिति खस्ताहाल होने के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के लोगों की ओर से कई बार पालिका प्रशासन से सड़कों स्थिति सुधारने की मांग की गई, लेकिन सड़कों का सुधारीकरण नहीं हो पाया। पालिका प्रशासन सड़कों के सुधारीकरण के लिये बजट का रोना रो रहा है। नई टिहरी शहर की करीब 36 किमी. आंतरिक सड़कों का अधिकांश हिस्सा खस्ताहाल स्थिति में है, कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण के हर समय दुर्घटना का भय बना रहता है। नगर के विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों द्वारा कई बार नगर की आंतरिक सड़कों के सुधारीकरण की मांग की गई, लेकिन सड़कों का सुधारीकरण नहीं हो पाया। नगर की मोलधार से 5ए होते हुये बौराड़ी, मोलधार से सेक्टर 4ई केमसारी जाने वाली सड़क की सबसे अधिक स्थिति खराब है। बीते वर्ष पालिका प्रशासन द्वारा लोनिवि बौराड़ी के माध्यम से सड़कों पर बने गड्ढों को भरा गया, लेकिन गुणवत्ता परख कार्य न होने के कारण बारिश से सड़कों की स्थिति फिर खराब हो गई। नई टिहरी नागरिक मंच के अध्यक्ष सुंदरलाल उनियाल का कहना कि नगर की आंतरिक सड़कों की मरम्मत के संबंध में कई बार पालिका और जिला प्रशासन को पत्र के माध्यम से अवगत करवाया गया है, लेकिन सड़कों की स्थिति नहीं सुधर पाई। ईओ नगर पालिका, नई टिहरी, एमएल शाह ने कहा कि नई टिहरी नगर में 22 किमी. सड़क पालिका के पास है। करीब 17 किमी. सड़क लोनिवि के पास है। नगर की आंतरिक सड़कों की मरम्मत के लिये पालिका की ओर से शासन को करीब 12 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। बजट मिलने पर ही नगर की सड़कों की मरम्मत हो पाएगी। पिथौरागढ़ जिले में मूसरी होकरा कांडा, छिरकिला जमकू के साथ ही आदिचौरा हुनेरा सड़क बारिश के बाद जिले में बंद चल रही हैं। इन सड़कों के बंद रहने से 10 हजार से अधिक की आबादी को पेरशानी का सामनाक करना पड़ रहा है। लोग रोज की जरुरत का सामान तक बाजार से नहीं ला पा रहे हैं। इससे लोगों को ताजी सब्जियां नहीं मिल पा रही है।यातायात के लिए पूरी तरह से बंद रही तवाघाट पांगला सड़क पर मंगलवार को आधे दिन बाद यातायात बहाल हो गया। तवाघाट पुल से एक किलोमीटर आगे ज्योति नाला में बंद सड़क 45 घंटे बाद खुल गई है। लिपूलेख सड़क के भी देर शाम तक खुल जाने से छोटा कैलास यात्रियों को सुविधा मिलेगी। भारत-चीन सीमा पर लिपूलेख नेशनल हाईवे करीब 85 घंटे बाद यातायात के लिए खुल गया है। इससे आदि कैलास यात्रियों को और माइग्रेशन गांवों के लोगों को बड़ी राहत मिली है। दो जगहों पर भूस्खलन और बोल्डर आ जाने से लिपूलेख-तवाघाट नेशनल हाईवे पर आवाजाही पूरी तरह से थमी हुई थी। यह महत्वपूर्ण सड़क बंद होने से उच्च हिमालयी क्षेत्रों से लौट रहे लोग सर्वाधिक परेशानी से जूझ रहे थे। सड़क खुलने से आदि कैलास और ओम पर्वत के दर्शन के बाद वहां फंसे 300 से अधिक यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। माइग्रेशन गांवों में रह रहे 1500 से अधिक लोगों का जीवन भी सड़क खुलने से सामान्य होगा।
No comments