रायपुर। देशभर में शाला त्यागी (ड्रापआउट) बच्चों को लेकर सरकारें चिंतित हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रवेशोत्सव के दौरान विद्यार्थियों...
रायपुर। देशभर में शाला त्यागी (ड्रापआउट) बच्चों को लेकर सरकारें चिंतित हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रवेशोत्सव के दौरान विद्यार्थियों की ट्रैकिंग करने के लिए ट्रैकिंग सूचकांक निर्धारित किया है। इसके तहत बसाहट, ग्राम, वार्ड, शाला संकुल, विकासखंड, जिला और राज्य स्तर पर प्रतिदिन बच्चों की ट्रैकिंग होगी। ऐसे गांव, वार्ड जहां शून्य ड्राप आउट होगा, उन्हें शून्य ड्रापआउट का तमगा मिलेगा। छत्तीसगढ़ में 11 से 15 प्रतिशत माध्यमिक स्तर पर बच्चे हर साल स्कूल छोड़ रहे हैं। बीते दो वर्षों के आंकड़ों को देखें तो शैक्षणिक सत्र 2021-22 में प्रारंभिक स्तर में 27,695 शाला त्यागी बच्चे थे, जिनमें से कुल 26,074 (94.15 प्रतिशत) बच्चों को फिर से स्कूलों तक लाया गया है। इसी प्रकार शैक्षणिक सत्र 2022-23 में प्रारंभिक स्तर में 13,737 शाला त्यागी बच्चे चयन किए गए थे, जिनमें से अब तक कुल 11,944 (86.95 प्रतिशत) बच्चों को मुख्यधारा में लाया गया है। सेकेंडरी स्तर के ड्रापआउट बच्चों को ओपन स्कूल के माध्यम से परीक्षा दिलवाई जाती है। इसमें शैक्षणिक सत्र 2021-22 में कुल 27,083 और शैक्षणिक सत्र 2022-23 में 18,948 बच्चे ओपन स्कूल के माध्यम से 10वीं एवं 12वीं परीक्षा में शामिल हुए थे।
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