रायपुर। गर्मी का महीना शुरु होते ही छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पेय जल का संकट गहराता जा रहा है। एक तरफ पानी की समस्या से प्रदेश की जनता परेशा...
रायपुर। गर्मी का महीना शुरु होते ही छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पेय जल का संकट गहराता जा रहा है। एक तरफ पानी की समस्या से प्रदेश की जनता परेशान है, वहीं दूसरी तरफ राजधानी रायपुर में ही तालाबों पर भूमाफिया कब्जा करते जा रहे हैं। जिसको लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि राजधानी रायपुर में 9 सालों में 100 से अधिक तालाब गायब हो गए। एक वक्त था जब रायपुर में 300 से ज्यादा तालाब थे। लेकिन अब यह घट कर 109 के आसपास रह गई है। यानि लगातार तालाब घटते जा रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन तालाबों को पाटकर भूमाफिया कब्जा कर रहे हैं और उन पर अवैध निर्माण हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक जल स्रोतों पर हो रहे अवैध कब्जे को सरकार जल्द से जल्द कार्रवाई करे, अन्यथा आप कार्यकर्ताओं को आंदोलन की राह अपनाना पड़ेगा।
कोमल हुपेंडी ने कहा कि भूजल स्तर बढ़ाने के लिए पहले के जमीदारों ने तालाब खुदवाए थे। लेकिन आज शासन-प्रशासन की मिली भगत से तालाबों पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। तालाब नष्ट हो रहे हैं और भूजल स्तर काफी नीचे जा रहा है। केंद्रीय भूजल सर्वेक्षण विभाग के मुताबिक महाराजबंध 100 एकड़ था, अब 35 एकड़ बचा है। सरयूबांधा 33 एकड़ बचा है। कुशालपुर के खो-खो तालाब के आसपास तालाब की जमीन पर प्लाटिंग की जा रही है। तालाब के बहुत बड़े हिस्से में अवैध कब्जा करके मकान बना लिए गए। उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस सरकारों के उदासीनता के चलते भूमाफिया तालाब को पाटकर खत्म कर रहे हैं।
'आप' प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना के नाम पर सिर्फ भूपेश सरकार में भ्रष्टाचार हो रहे हैं। नियमों को ताक पर रखकर भूमाफिया तालाबों पर कब्जा कर रहे हैं और यह सरकार सिर्फ मूकदर्शक बनी बैठी है। इतना ही नहीं, नगर निगम हर तालाबों के संरक्षण और सफाई में करोड़ों रूपए फूंकता है। लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी इसके प्रति गंभीर नहीं हैं। आज तालाबों पर अस्तित्व का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार का पूरा सिस्टम फेल हो चुका है। राजधानी के तालाबों पर भूमाफियाओं की नजर है। जिस पर लगातार कब्जा करके प्लाटिंग करके बेची जा रही है।
कोमल हुपेंडी ने कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा। वर्तमान में ही राजधानी के कई इलाकों में जल संकट का खतरा मंडरा रहा है। इस मामले में सरकार सब कुछ जानकर भी अनजान बनी हुई है। सरकार की काम करने की इच्छाशक्ति और नियत होनी चाहिए, लेकिन सरकार भूमाफियाों को पनाह दे रही है। उन्होंने तालाबों से अवैध निर्माणों को खाली कराने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है। साथ ही जितने भी तालाब हैं उनका जीर्णोद्धार कराकर सौंदर्यीकरण कराए जाने की बात कही। जिससे प्राकृतिक जल स्रोत बच सके और भूजल स्तर घटने न पाए।
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