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*दिल्ली के शिक्षा मॉडल की पूरे देश में हो रही तारीफ, दिल्ली सरकार से सीखें : सूरज उपाध्याय, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता, आम आदमी पार्टी*

रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने प्रदेश में कई स्वामी आत्मानंद स्कूल तो बना दिए, लेकिन इन स्कूलों की हकीकत कुछ और ही है। कई स्कूलों में ...



रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने प्रदेश में कई स्वामी आत्मानंद स्कूल तो बना दिए, लेकिन इन स्कूलों की हकीकत कुछ और ही है। कई स्कूलों में 50 फ़ीसदी से ज्यादा बच्चे परीक्षा में फेल हो गए तो, वहीं तीन साल बीत जाने के बाद भी कला संकाय की पढ़ाई नहीं शुरू हो पाई। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने भूपेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बिल्डिंग बनाने से बच्चों का भविष्य नहीं सुधरेगी। सीएम भूपेश बघेल को दिल्ली सरकार से सीखना चाहिए और दिल्ली का शिक्षा मॉडल को अपनाना चाहिए।


'आप' प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने कहा कि जहां एक तरफ स्वामी आत्मानंद स्कूल को शुरू हुए 3 साल से अधिक का समय हो चुका है, बावजूद इसके अभी तक अंग्रेजी माध्यम में कला संकाय शुरू नहीं हो सका है। वहीं दूसरी तरफ 10 नए खुले आत्मानंद स्कूलों में भी कॉमर्स विषय की व्यवस्था नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि ऐसे में यदि कोई छात्र कला और वाणिज्य पढ़ना चाहे तो उसके पास कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि महासमुंद जिले में 9वीं और 11वीं कक्षा के 50% बच्चे फेल हो गए। 


सूरज उपाध्याय ने भूपेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अब इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक आत्मानंद स्कूलों में किस तरह की पढ़ाई हो रही है। जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वामी आत्मानंद स्कूल को मॉडल स्कूल के रूप में इसे पेश कर रहे हैं, लेकिन यह सिर्फ विज्ञापनों तक सिमट कर रह गया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भूपेश बघेल और उनके मॉडल सिर्फ विज्ञापनों में दिखते हैं। धरातल पर सब शून्य है।


सूरज उपाध्याय ने बताया कि जांजगीर-चांपा में भी बड़ी संख्या में बच्चे जब फेल हुए तो अभिभावक कलेक्ट्रेट पहुंच गए। अभिभावक स्वयं कह रहे हैं कि स्कूल में सही तरीके से पढ़ाई नहीं हो रही है, जिसके कारण बच्चों का रिजल्ट खराब आ रहा है। उन्होंने कहा कि राजधानी रायपुर में स्वामी आत्मानंद स्कूलों में एडमिशन दिलाने के नाम पर ठगी शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार की जितनी भी महत्वाकांक्षी योजनाएं चल रही हैं, वे सब पूरी तरह से फेल साबित हो रही है। पिछले 4 सालों में भूपेश सरकार ने कोई शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है, प्रदेश में 69 हजार 871 पद रिक्त हैं। 3000 ऐसे स्कूल हैं, जिनमें प्राचार्य नहीं हैं, प्रभारी प्रचार्य के भरोसे चल रहा है।


सूरज उपाध्याय ने कहा कि आत्मानंद स्कूलों में शिक्षक बच्चों को ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिसके कारण 50 फ़ीसदी से ज्यादा बच्चे परीक्षा में फेल हो जा रहे हैं। बच्चों को स्कूल बदलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सीएम भूपेश बघेल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था नहीं सुधार पा रहे हैं, तो उन्हें दिल्ली जाना चाहिए और वहां के शिक्षा मॉडल का अध्ययन करना चाहिए। उसकी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी कोई फीस नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल अपने शिक्षकों को दिल्ली भेजकर वहां के शिक्षकों से ट्रेनिंग दिलवाएं, जिससे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सके। उन्होंने ये भी कहा कि जहां दिल्ली के शिक्षक ट्रेनिंग के लिए विदेश जाते हैं, वहीं भूपेश सरकार के मंत्री और सेक्रेटरी विदेश जाते हैं, तो पढ़ाने का काम शिक्षक करते हैं न की मंत्री और अधिकारी करते हैं। 


सूरज उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली के बच्चे आज विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। साल 2022 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 1100 से अधिक बच्चों ने नीट और जेईई में परचम लहराया। इतना ही नहीं, दिल्ली सरकार शिक्षा व्यवस्था को वर्ल्ड क्लास के तर्ज पर विकसित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। जिससे बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिल सके। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का एक ही उद्देश्य है कि हमें मिलकर देश के सभी बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देनी है, भारत को दुनिया का नम्बर-1 देश बनाना है।

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