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*भूपेश सरकार ने अपने फायदे के लिए व्यापारियों के साथ किया मिलेट फूड चिक्की उत्पादन का बंदरबांट : कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप*

  छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार का एक घोटाला और भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। इस बार सरकार ने बच्चों के राशन पर डाका डालने का काम किया है। मामले को ले...

 


छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार का एक घोटाला और भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। इस बार सरकार ने बच्चों के राशन पर डाका डालने का काम किया है। मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने भूपेश सरकार को घेरते हुए कहा कि आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि साल 2022 में प्रोग्राम अप्रूवल बोर्ड की बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री पोषण योजना (मध्याह्न भोजन योजना) का अनुमोदन भी कराया गया, लेकिन भूपेश सरकार की लापरवाही का आलम देखिए कि सोया चिक्की वितरण का प्रस्ताव तो मई 2022 में भेज दिया गया। बावजूद इसके सालभर तक प्रदेश की भूपेश सरकार के अधिकारी और विभागीय मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने फाइल को अटकाए रखा और इतने समय तक बच्चों को पोषण से वंचित किया गया। 


कोमल हुपेंडी ने कहा कि अनुमोदन के आधार पर लोक शिक्षण संचनालय ने मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत सोया चिक्की वितरण का प्रस्ताव मई 2022 में शासन को भेज दिया गया, लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए भ्रष्टाचारी भूपेश सरकार और उनके अधिकारियों ने इसमें कोई रूचि नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि लापरवाही का आलम यह देखिए कि मई माह से विभागीय मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय टेकाम ने इस फाइल को सालों तक अटकाए रखा और बच्चों को मिलने वाला निवाला भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।


आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने बताया कि तकरीबन साल भर बाद जब मामले का खुलासा हुआ, तब 15 मार्च 2023 को लोक शिक्षण संचनालय द्वारा 7 की जगह 12 जिलों में सोया चक्की के स्थान पर मिलेट्स आधारित खाद्य पदार्थ छात्र-छात्राओं को बांटने के निर्देश जारी कर दिए गए, लेकिन इसमें भी भूपेश सरकार ने भ्रष्टाचार करने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि निर्देश स्पष्ट रूप से कहा गया था कि स्थानीय स्तर पर स्व सहायता समूह के माध्यम से वन विभाग द्वारा उपार्जित सामग्री से खाद्य पदार्थ छात्र-छात्राओं को बाटा जाना चाहिए, लेकिन भूपेश सरकार के अधिकारियों ने स्व सहायता समूह की जगह पर सी-मार्ट से मिलेट चिक्की 12 जिलों के लिए खरीद लिया।


कोमल हुपेंडी ने कहा कि जबकि लोक शिक्षण संचनालय द्वारा आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया कि स्थानीय स्व-सहायता समूहों के माध्यम से ही खरीदा जाना चाहिए, बावजूद इसके आदेश को दरकिनार करते हुए आला अफसरों ने 12 जिलों में सी-मार्ट के माध्यम से खरीदकर व्यापारियों को बांट दिया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिन व्यापारियों के माध्यम से योजना का पैसा खर्च कर रहे क्या उसके पास लाइसेंस व उत्पादकता है। इसके अलावा भूपेश सरकार के भ्रष्टाचारी अधिकारियों को या नहीं समझ में आया कि आने वाले महीने में अध्ययन शाला में गर्मी की छुट्टियां होने वाली है और बच्चे इस दौरान स्कूल नहीं आएंगे, तो ऐसे में कैसे बच्चों को मिलेट्स फूड दिया जाएगा। उन्होंने सवाल खड़े करते हुए भूपेश सरकार से पूछा कि क्या शिक्षा विभाग 12 जिलों में 30 अप्रैल तक 30 करोड़ रूपए का मिलेट्स फूड में खर्च कर लेगा। 


"आप" प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि प्रदेश की भूपेश सरकार भ्रष्टाचार की सरकार है। मिलेटस फूड्स का वितरण स्कूलों के सत्र शुरु होते ही किया जाना था, लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण इसे शुरु नहीं किया गया। बच्चों और उनके साथ खिलवाड़ किया गया। उन्होंने कहा कि जिन व्यापारियों के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है क्या उनके पास उद्योग विभाग से मिलेट चिक्की उत्पादन का लाइसेंस है कि नहीं, यदि है तो उनकी उत्पादन क्षमता क्या है, इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि एक महीने के अंदर 30 करोड़ मिलेट चिक्की उत्पादन करने की क्षमता नहीं है। न ही प्रदेश में कोई ऐसी यूनिट है। 


कोमल हुपेंडी ने पूरे मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के भविष्य और स्वास्थ्य के प्रति भूपेश सरकार उदासीन है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चुनावी दौरे में मस्त हैं और उनके मंत्रिमंडल के लोग भ्रष्टाचार में व्यस्त हैं। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने प्रदेश की स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार को लेकर छत्तीसगढ़ की जनता से वादाखिलाफी करने का काम किया है। लेकिन भूपेश सरकार याद रखें कि छत्तीसगढ़ की जनता अब बर्दाश्त करने वाली नहीं है।

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