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*मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 21 मार्च को करेंगे मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना का वर्चुअल शुभारंभ, प्रदेश में वृक्षों के व्यवसायी उपयोग को बढ़ावा देने की संभावनाओं के तहत योजना का होगा शुभारंभ*

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 21 मार्च को मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का वर्चुअल शुभारंभ करेंगे। धमतरी जिले के ग्राम विश्रामपुर में प्रात...



रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 21 मार्च को मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का वर्चुअल शुभारंभ करेंगे। धमतरी जिले के ग्राम विश्रामपुर में प्रातः 11 बजे से वृक्ष सम्पदा योजना का जिला स्तरीय कार्यक्रम रखा गया है। इस दौरान तीन एकड़ क्षेत्र में 575 पौधों का रोपण कर किया जाएगा। इसमें नीलगिरी के 450 और सागौन के 125 पौधे शामिल हैं। इस योजना से किसानों की आय बढ़ेगी। प्रदेश में वृक्षों के व्यवसायी उपयोग को बढ़ावा देने की संभावनाओं के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना का शुभारंभ कर रहे हैं।


वनमण्डलाधिकारी मयंक पाण्डेय ने बताया कि धमतरी जिला में इस योजनान्तर्गत 466 हितग्राहियों का चयन किया गया है। इन हितग्राहियों के 685 एकड़ भूमि में चार लाख दो हजार 253 पौधों का रोपण किया जाएगा। इस योजना के तहत जिन हितग्राहियों के यहां सिंचाई सुविधा उपलब्ध है, उनके यहां रोपण 21 मार्च विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर किया जाएगा तथा जिन हितग्रहियों के सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं हैं, उनके यहां रोपण जुलाई 2023 में किया जाएगा। धमतरी जिला में विश्व वानिकी दिवस पर 13 हितग्राहियों के 29 एकड़ में 12 हजार 643 पौधों का रोपण किया जाएगा। इसमें क्लोनल, नीलगिरी, टिशू कल्चर बांस, टिशु कल्चर सागौन, साधारण सागौन प्रजाति के पौधे शामिल हैं।


 ज्ञात हो कि इस योजना के तहत पात्र हितग्राहियों को पांच एकड़ तक भूमि पर (अधिकतम पांच हजार) पौधों के रोपण के लिए शत्-प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसी तरह पांच एकड़ से अधिक भूमि होने पर प्रति एकड़ अधिकतम एक हजार पौधे हेतु पात्र हितग्राहियों को वन विभाग द्वारा निर्धारित वित्तीय अनुदान का 50 प्रतिशत ही दिया जाएगा तथा शेष राशि किसानों को स्वयं वहन करना होगा। निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, पंचायत, भूमि अनुबंध धारक, गैर शासकीय संस्थाएं, जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते हैं, उनके रोपण के लिए वन विभाग द्वारा निर्धारित अंशदान का 50 प्रतिशत राशि दिया जाएगा। शेष राशि संस्थानों को स्वयं वहन करना होगा। योजना के तहत रोपण से संबंधित सभी कार्य हितग्राही द्वारा किया जाएगा। हितग्राहियों के चाहने पर सभी आवश्यक सहयोग और मार्गदर्शन एवं समन्वय वन विभाग द्वारा किया जाएगा। कार्य के बाद वन विभाग द्वारा संबंधित हितग्राही के खाते में कार्य अनुसार राशि हस्तांतरित की जाएगी।

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