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*कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय का शैक्षिक भ्रमण:~”अंतर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई “*

  “आधुनिक तकनीक जानने को जुटे देशी-विदेशी विज्ञानी”* अफ़्रीका व पश्चिमी एशिया सहित कई देश छत्तीसगढ़ की फसल प्रजनन तकनीक के अनुसार अपने देशों...

 


“आधुनिक तकनीक जानने को जुटे देशी-विदेशी विज्ञानी”*


अफ़्रीका व पश्चिमी एशिया सहित कई देश छत्तीसगढ़ की फसल प्रजनन तकनीक के अनुसार अपने देशों में धान की खेती करेंगे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञानियों ने यहाँ आये विभिन्न देशों के कृषि विज्ञानियों के साथ धान की नई क़िस्में विकसित करने की तकनीक साझा की।


शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कृषि मड़ई “एग्री कार्निवल”का किया आयोजन शुभारंभ कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत व कृषि मंत्री रविंद्र चौबे हुए उपस्थित,कार्यक्रम इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय,रायपुर में 


जहाँ कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, काठाडीह,रायपुर के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विद्यार्थियों ने कृषि मड़ई में भाग लिया।


“लगभग 15 देशों के कृषि वैज्ञानिक इस आयोजन में शामिल हुए कार्यशाला में भावी पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए धान की रोग-प्रतिरोधक,सस्ती और यूजर फ्रेंडली वैरायटी के उत्पादन के लिये आधुनिक तकनीक पर चर्चा और प्रस्तुतीकरण किया गया”॥



विभागाध्यक्ष डॉ.आशुतोष मंडावी जी और एसोसिएट प्रोफेसर शैलेंद्र खंडेलवाल जी के द्वारा विभाग में शैक्षणिक यात्रा का आयोजन इस तरह से किया जाता रहा है कि छात्र वहां जनसंपर्क और विज्ञापन का व्यावहारिक कार्य कर सकें।साथ ही इस शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में सहायक प्प्राध्यापिका चैताली पाण्डेय जी के दिशा निर्देश में छात्रों को जनसम्पर्क से संबंधित कार्य(फ़ील्ड वर्क) के लिए निर्देशित किया और संस्थान और छात्रों के बीच समन्वय स्थापित किया गया ॥


 *विद्यार्थियों द्वारा सरकारी कृषि योजनाओं और उनके लाभ के बारे में विभिन्न किसानों से बात-चीत,साक्षात्कार और विभिन्न योजनाओं पर चर्चा किया गया इस बीच फोटो और वीडियो शूट भी किया गया।विद्यार्थियों द्वारा सर्वे किया गया कि सरकारी विज्ञापन से किसानों को लाभ मिल पता है या नहीं ? उन्हें जानकारी कहाँ से मिलती हैं ? योजनाये जनमाध्यम तक पहुँच पाती है या नहीं ? ज़मीनी स्तर तक जानकारी पहुँचाने के लिए कौन से सशक्त माध्यम हैं ?आदि जनसम्पर्क की दृष्टि से पूछे गये प्रश्न थे । कृषि मड़ई पर सुझावों के लिए किसानों और स्व सहायता समूहों के द्वारा लगाये गये स्टालों के विभिन्न वीडियो बाइट रिकॉर्ड किए गये हैं ॥*



अंतरराष्ट्रीय कृषि मड़ई 'एग्री कार्नीवाल" के एक दिन पहले हुई वर्षा ने आयोजकों के तैयारियों पर पानी फेरने का काम किया।आयोजन स्थल पर पानी और कीचड़ भर गया है जिससे वहाँ पहुँचे हुए किसानों को परेशानी हुई।

                                        :~ मानस शर्मा



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