भिलाई। भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव जितना शहर के विकास के लिए सोचते हैं उतना ही वे महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में भी कार्य कर र...
भिलाई। भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव जितना शहर के विकास के लिए सोचते हैं उतना ही वे महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं। इसके लिए विधायक देवेन्द्र ने एक बड़ा प्लेटफार्म तैयार कर दिया है। जिसके जरिए महिला स्व सहायता समूहों को अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए किसी का सहारा लेने की जरूरत नहीं है। अब वे अपना प्रोडक्ट एक छत के नीचे आसानी से लोगों तक पहुंचा पाएंगी। यह संभव हुआ है भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव की पहल पर बन रहे मदर्स मार्केट से।
पावर हाउस भिलाई में महिला स्व सहायता समूहों के लिए विधायक देवेन्द्र यादव की पहल पर मदर्स मार्केट बन कर तैयार है। इस मार्केट में भिलाई की तमाम महिला स्व सहायता समूहों को अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए मंच मिलेगा। इस मार्केट में बनी दुकानों को महिला स्व सहायता समूहों को दिया जाएगा। यह मार्केट पूरी तरह से महिलाओं के संचालन के लिए होगा। यहां भिलाई की 3000 से अधिक महिला स्व सहायता समूहों द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट विक्रय के लिए रखे जाएंगे।
खंडहर हो गया था भवन
जिस स्थल पर मदर्स मार्केट का निर्माण कराया गया वहां कभी जर्जर भवन हुआ करता था। इस भवन का उपयोग अपराधिक प्रवित्ति के लोग करने लगे थे। यहां पर आसपास के गैराज वालों ने कब्जा कर रखा था। शहर के प्रमुख स्थल पर इस जर्जर भवन की सुध किसी ने नहीं ली। देवेन्द्र यादव जब महापौर बने तभी से इस जर्जर भवन के जिर्णोद्धार का संकल्प लिया। इसके बाद जब वे विधायक चुनकर आए तो इस जर्जर भवन को उपयोगी बनाने के लए मदर्स मार्केट का प्लान बनाया गया। मदर्स मार्केट के निर्माण के लिए कुल 1 करोड़ 48 लाख रुपए का प्रोजेक्ट बनाया गया। प्रोजेक्ट बनने की देरी थी कि इस पर तेजी से काम भी शुरू हुआ। आज यह पूरी तरह से आकार ले चुका है और लोकार्पण का इंतजार है। संभव है इस निकाय चुनाव के बाद मदर्स मार्केट का विधिवत लोकार्पण कर दिया जाएगा।
भिलाई का विकास ही हमारा संकल्प
भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव का कहना है कि भिलाई का विकास ही हमारा संकल्प है। उन्होंने बताया कि पावर हाउस के जर्जर भवन को देखकर मदर्स मार्केट का आइडिया आया। शहर में 3 हजार से अधिक महिला समूह कार्य कर रहे हैं। इनके द्वारा तरह तरह के प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं। एक एक समूह में 20 से 30 महिलाएं काम कर रही हैं। इनके उपयोगी वस्तुओं के विक्रय के लिए एक व्यवस्थित जगह की कमी महसूस हुई। इसके लिए मदर्स मार्केट का प्रोजेक्ट तैयार किया गया। देवेन्द्र यादव ने बताया कि आज मदर्स मार्केट बनकर तैयार है और महिला समूहों को अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए स्थल भी मिल गया। शहर के लोगों को अब सीधे महिला समूहों के प्रोडक्ट देखने व खरीदने को मिलेंगे।
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