उत्तर प्रदेश। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग "चौरी-चौरा" की घटना को यूपी बोर्ड के पाठयक्रम में शामि...
उत्तर प्रदेश। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग "चौरी-चौरा" की घटना को यूपी बोर्ड के पाठयक्रम में शामिल करने जा रहा है। जिससे की माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र अब अपनी किताबों में चौरी-चौरा जन-आक्रोश के शहीदों की वीरगाथाएं पढ़ सकेंगे।
गौरतलब है, की "चौरी-चौरा" में 4 फरवरी 1922 में आजादी के लिए वीर जवानों ने अंग्रेजी हुकूमत से भिड़ंत के बाद पुलिस चौकी में आग लगा दी थी। इसमें 22 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी। परिणामस्वरूप ब्रिटिश सरकार ने इस घटना के बाद, 19 लोगों को पकड़कर उन्हें फाँसी दे दी थी, और उनकी याद में यहाँ एक शहीद स्मारक आज खड़ा है जिन पर उनके नाम अब्दुल्ला, भगवान, विक्रम, दुदही, काली चरण, लाल मुहम्मद, लौटी, मादेव, मेघू अली, नजर अली, रघुवीर, रामलगन, रामरूप, रूदाली, सहदेव, सम्पत पुत्र मोहन, संपत, श्याम सुंदर व सीताराम नाम दर्ज है। इस घटना को चौरी चौरा जनआक्रोश के रूप में जाना जाता है।
आपको बता दें , मुख्यमंत्री के निर्देश पर "माध्यमिक शिक्षा विभाग" द्वारा शहीदों के इस शौर्य की कहानी को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। और साथ ही छात्रों को शहीदों के स्थल "चौरी-चौरा" का भ्रमण भी कराया जाएगा। चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के दौरान प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में चार फरवरी 2021 से आगामी एक साल तक छात्र-छात्राओं के बीच निबंध, चित्रकला, पोस्टर, क्विज, स्लोगन, कविता लेखन व भाषण प्रतियोगिताएं भी कराई जाएंगी।
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