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कोर्ट के आदेश में अब नहीं होगा दुष्कर्म पीड़िता का नाम…छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का बड़ा फैसला ;

बिलासपुर।  कोर्ट के आदेश और निर्णयों में अब दुष्कर्म पीड़िता का नाम नहीं होगा। इसको लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने न्यायालयों को आदेश दिया है। कोर...

बिलासपुर। कोर्ट के आदेश और निर्णयों में अब दुष्कर्म पीड़िता का नाम नहीं होगा। इसको लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने न्यायालयों को आदेश दिया है। कोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों को इस आदेश की जानकारी देने के साथ ही पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी और गृह सचिव अमिताभ जैन को आदेश दिया है कि वे सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक को आदेश की कॉपी दें। जिससे पुलिस अफसर जांच और चालान प्रस्तुत करने के दौरान सुप्रीम कोर्ट की निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें।



जस्टिस संजय के. अग्रवाल की एकलपीठ ने यह आदेश दिया है कि भारतीय दंड सहिंता की धारा 376 के अंतर्गत अपराध का विचारण करने वाले कोर्ट के आदेश या निर्णय में पीड़ित के नाम का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए। इसी तरह दुष्कर्म की जांच करने वाले पुलिस अफसर को चालान सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार प्रस्तुत करना होगा। पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को कहा गया है कि पुलिस अधीक्षक को सर्कुलर जारी करें कि आदेश का सख्ती से पालन हो सके।

दुष्कर्म मामले में हुए डी.एन.ए टेस्ट में था दुष्कर्म पीड़िता का नाम ;

आपको बता दे , बिलासपुर के "भरत बजाज" ने अधिवक्ता विपिन कुमार पंजाबी के माध्यम से एक याचिका प्रस्तुत की थी। जिसमें  उन्होंने पुलिस के आवेदन पर बिलासपुर के एट्रोसिटी कोर्ट को चुनौती दी। आगे उन्होंने बताया की उनको सुनवाई का अवसर नहीं दिया और एकतरफा आदेश जारी कर दिया, जो गलत है। सुनवाई के दौरान "हाईकोर्ट ने पाया कि पुलिस ने अपने आवेदन और कोर्ट ने अपने आदेश में दुष्कर्म पीड़ित का नाम लिखा है"।

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